यूपी के पांच मेडिकल कालेजों में शुरू होंगे न्यूरो ऑटोलॉजी कोर्स
कानों के ट्यूमर समेत कानों से जुड़ी अन्य जटिल बीमारियों के इलाज के लिए अमेरिका, इंग्लैण्ड या अन्य यूरोपीय देश नहीं जाना होगा। दो- तीन साल बाद प्रदेश में ही इन रोगों का आसानी से इलाज हो सकेगा। राज्य...
कानों के ट्यूमर समेत कानों से जुड़ी अन्य जटिल बीमारियों के इलाज के लिए अमेरिका, इंग्लैण्ड या अन्य यूरोपीय देश नहीं जाना होगा। दो- तीन साल बाद प्रदेश में ही इन रोगों का आसानी से इलाज हो सकेगा। राज्य सरकार इसके लिए प्रदेश के पांच मेडिकल कालेजों में तीन वर्षीय न्यूरो ओटोलॉजी कोर्स शुरू करने जा रही है। यह कोर्स शुरू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा।
सरकार ने चरणबद्ध तरीके से अलग-अलग मेडिकल कालेजों में न्यूरो ऑटोलाजी कोर्स शुरू करने की कवायद तेज कर दी है। शुरुआत लखनऊ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई ) से होगी। इसके बाद लखनऊ के ही राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में और इसके बाद जीएसवीएम मेडिकल कालेज कानपुर, बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर और महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कालेज झांसी में इस कोर्स को शुरू किया जाएगा। एसजीपीजीआई में हाल ही में न्यूरो ओटोलॉजी यूनिट की शुरुआत की गई है। इसके तहत कॉक्लियर इंप्लांट, कान का ट्यूमर सहित कान से जुड़ी अन्य बीमारियों का इलाज किया जाएगा। जानकारों की मानें तो प्रदूषण के कारण तेजी से बढ़ती कानों से जुड़ी गम्भीर बीमारियों को देखते हुए सरकार ने प्रदेश में ही इलाज की व्यवस्था करने का निर्णय किया है।
देश का पहला न्यूरो ऑटोलॉजी कोर्स होगा
न्यूरो ऑटोलॉजी की पढ़ाई देश में अभी कहीं भी नहीं हो रही है। इसके इक्का-दुक्का विशेषज्ञ जो देश में है, वह भी दूसरे देशों से इसकी पढ़ाई कर इलाज कर रहे हैं। चंडीगढ़ पीजीआई में इस कोर्स को शुरू करने की कवायद शुरू की गई थी लेकिन तकनीकी कारणों से वह अब तक लम्बित है। यूपी इस दिशा में पहल करने वाला देश का पहला राज्य होगा। राज्य सरकार ने मेडिकल काउन्सिल ऑफ इण्डिया के अधिनियम-1958 के तहत दिए गए मानकों को पूरा करने के बाद इस नए कोर्स को शुरू करने का निर्णय किया है। मानकों को पूरा करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
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