Hindi Newsकरियर न्यूज़NEET UG after then MBBS became topper in UPSC CSE 2022

NEET UG के बाद की एमबीबीएस, फिर UPSC CSE 2022 में बनीं टॉपर

NEET UG, MBBS-एनटीए नीट की जिस प्रवेश परीक्षा पर अभी बवाल चल रहा है, ऐसी कठिन परीक्षा पास की। इसके बाद एमबीबीएस की, लेकिन एमबीबीएस करते हुए पाया कि लोगों के इलाज के लिए ग्रासरुट लेवल पर चीजों की कमी ह

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 19 June 2024 04:28 AM
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एनटीए नीट की जिस प्रवेश परीक्षा पर अभी बवाल चल रहा है,  डॉ अंजली ने ऐसी कठिन परीक्षा पास करने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी। एमबीबीएस करने के बाद उन्होंने देश की एक और बड़ी कठिन परीक्षा को पास करने की ठानी। दरअसल एमबीबीएस के दौरान उन्होंने पाया कि लोगों के इलाज के लिए ग्रासरुट लेवल पर चीजों की कमी है, जिसके लिए उन्हें कुछ करना है,इसके बाद डॉ. अंजलि गर्ग ने सिविल सर्विस परीक्षा दी। बस फिर क्या था, पूरी तैयारी की और  यूपीएससी सीएसई 2022 में एआईआर 79 स्थान हासिल किया है।  गरीब लोगों को अपना इलाज कराने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं चीजों को आसान करने के लिए डॉ अंजली ने यह फैसला लिया। 

यूपीएसस में कितने अटेंप्ट दिए और कैसे हुईं पास
अंजलि गर्ग यूपीएससी परीक्षा के पहले प्रयास में असफल हो गई थीं., लेकिन उन्होंने मन में ठाना हुआ था कि सबसे निचले स्तर से मेडिकल सुविधाओं को बढ़ाना चाहिए।  इसलिए पूरी जी जान से यूपीएससी की तैयारी की। पहले प्रयास के बाद  अपने दूसरे अटेंप्ट में 79वीं रैंक के साथ वह आईएएस अफसर बन गईं। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा का पहला अटेंप्ट कोविड काल में दिया था। अब आईएएस बनने के बाद डॉ अंजली विमन एम्पावरमेंट और चाइल्ड एजुकेशन पर काम करना चाहती हैं। 

14 सितंबर 1996 को चंडीगढ़ में ड अंजलि गर्ग  का जन्म हुआ था। डॉ अंजली हमेशा डॉक्टर बनने का सपना देखती थीं। परिवार बिल्कुल अलग एक बिजनेसमैन था। सिविल सेवा में कोई इतिहास नहीं होने के कारण अंजलि खुद से अपने सपने को पूरा करने के लिए लग गई और फिर एक के बाद एक सफलता के शिखर पर पहुंचने लगीं।  डॉ अंजली के पिता विनोद गर्ग सेक्टर-9 चंडीगढ़ में शेयर ब्रोकर हैं और मां राजेश गर्ग होममेकर। 

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