NEET टॉपरों ने बताया किस मेडिकल कॉलेज से करेंगे MBBS , चारों की है एक ही पसंद
NEET UG Toppers : नीट-यूजी की टॉपर तनिष्का को लगता है कि उन्होंने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शीर्ष रैंक हासिल करके अपने माता-पिता को शिक्षक दिवस का सबसे अच्छा तोहफा दिया है। तनिष्का के माता-पिता सरकारी
NEET UG Toppers : नीट-यूजी की टॉपर तनिष्का को लगता है कि उन्होंने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शीर्ष रैंक हासिल करके अपने माता-पिता को शिक्षक दिवस का सबसे अच्छा तोहफा दिया है। तनिष्का के माता-पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। वह, अन्य तीन टॉपर की तरह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पढ़ाई करना चाहती हैं। तनिष्का ने कहा, ''मेरे माता-पिता बहुत समर्पित शिक्षक हैं। उन्होंने कभी दबाव नहीं डाला और कम स्कोर करने पर भी हमेशा प्रेरित किया। यह उनके लिए (माता-पिता के लिए) शिक्षक दिवस का सबसे अच्छा उपहार है।''
मूल रूप से हरियाणा के नारनौल की रहने वाली तनिष्का ने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई-मेन में भी प्रभावशाली 99.50 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। तनिष्का यदुवंशी शिक्षा निकेतन, नारनौल से 10वीं कक्षा पूरी करने के बाद राजस्थान के कोटा चली गई थीं। नीट टॉपर ने कक्षा 10 में 96.4% और कक्षा 12 में 98.6% अंक प्राप्त किए थे।
आशीष, ऋषिकेश और रुचा की पसंद भी एम्स
तनिष्का, दिल्ली के वत्स आशीष बत्रा और कर्नाटक के ऋषिकेश नागभूषण गांगुले तथा रुचा पावाशे ने 720 में से 715 अंक हासिल किए हैं। हालांकि, तनिष्का ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की टाई ब्रेकर नीति की वजह से शीर्ष रैंक हासिल किया है। बत्रा को दूसरा, गांगुले और पावाशे को क्रमश: तीसरा और चौथा स्थान मिला है। बत्रा ने कहा, ''मैंने हमेशा एम्स में पढ़ने का सपना देखा था और आखिरकार यह अब सच होगा।'' गांगुले और पावाशे का भी सपना एम्स में पढ़ने का था और दोनों उन्हें आ रहे बधाई फोन कॉल से बेहद उत्साहित हैं।
इस बीच, कोटा में तनिष्का का एलेन करियर इंस्टीट्यूट में गर्मजोशी से स्वागत हुआ, जहां उन्होंने दो साल तक प्रवेश परीक्षा के लिए अध्ययन किया था।
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उत्साहित तनिष्का ने छात्रों को परिणाम के बारे में चिंता नहीं करने की सलाह देते हुए कहा, ''अगर आपने जीवन में कुछ करने का फैसला किया है, तो एक लक्ष्य निर्धारित करें और उसे अपना 100 प्रतिशत दें और परिणाम की चिंता नहीं करें... नीट, जेईई आदि जैसी परीक्षाएं जीवन का हिस्सा हैं, संपूर्ण जीवन नहीं।''
हरियाणा के नारनौल की रहने वाली तनिष्का बृहस्पतिवार सुबह कोटा पहुंची। उन्होंने कहा, ''मैं दो साल पहले एम्स, दिल्ली में पढ़ने के लक्ष्य के साथ कोटा आई थी और मैंने इसे आज हासिल कर लिया है।'' उन्होंने कहा, ''हालांकि मैंने सोचा नहीं था कि मुझे पहला रैंक मिलेगा।''
सरकारी स्कूल के शिक्षक कृष्ण कुमार और लेक्चरर माता सरिता कुमारी की बेटी तनिष्का का 12वीं कक्षा में 98.6 प्रतिशत और 10वीं कक्षा में 96.4 प्रतिशत अंकों के साथ शानदार अकादमिक रिकॉर्ड रहा है।
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वत्स आशीष ने बताया कैसे की थी तैयारी
आशीष के नीट टॉपर राजस्थान की तनिष्का के बराबर मार्क्स (720 में से 715- 99.99 परसेंटाइल ) आए हैं लेकिन टाई ब्रेकिंग फॉर्मूले के चलते उनके रैंक 2 मिली है। आशीष ने कहा, '10वीं के बाद मैंने तैयारी शुरू कर दी थी। शुरुआत में तो मैं इतना सीरियस नहीं था लेकिन रेगुलर कोचिंग क्लास जॉइन करने के बाद मैंने इसे मिशन बना लिया। डेढ़-डेढ़ घंटे की पढ़ाई के बाद खुद को 20 से 30 मिनट का ब्रेक देता था। ब्रेक में म्यूजिक सुनना और खेलना पसंद करता था।'
वत्स आशीष बत्रा ने कहा कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। आशीष का कहना है कि मुझे यह नहीं उम्मीद थी कि मैं सिंगल डिजिट में रैंक लाउंगा। उन्होंने बताया कि एम्स दिल्ली ज्वाइन करने का लक्ष्य है। आशीष ने कहा कि माता, पिता और भाई ने काफी मदद की। उन्होंने हर समय मेरा उत्साहवर्द्धन किया। वत्स के पिता और मां दोनों सिविल सर्विस में हैं।
वह बताते हैं कि कभी पढ़ाई का दबाव उनके ऊपर नहीं था फिर भी वे प्रतिदिन पांच से छह घंटे पढ़ाई करते थे। उन्होंने बताया कि बैडमिंटन खेलना व गाना सुनना पसंद है। वत्स ने बताया कि प्रश्नों की पूरी रणनीति के साथ तैयारी की। अपने हर छोटे बड़े सवालों को ध्यान पूर्वक किया। सफलता के लिए अपने माता-पिता के अलावा अपने कोचिंग संस्थान को भी श्रेय देना चाहूंगा।
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