नीट में कम रैंक पाने वाले परीक्षार्थियों से एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर 60 लाख हड़पे
नीट परीक्षार्थियों को एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर दो लोगों से 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है। आरोपियों ने सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस हापुड़ में सीट दिलाने का दावा किया था
नीट परीक्षा में कम रैंक पाने वाले परीक्षार्थियों को चिह्नित कर एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर दो लोगों से 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है। आरोपियों ने सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस हापुड़ में सीट दिलाने का दावा किया था। एडमिशन नहीं होने पर पीड़ितों ने विभूतिखंड कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। जिसके आधार पर जांच की जा रही है।
विभूतिखंड साइबर टॉवर में बनाया ठिकाना बिहार मुजफ्फरपुर मिथनपुरा निवासी आनन्द कुमार देव की बेटी सर्जना श्रेया ने नीट 2022 की परीक्षा दी थी। बेहतर रैंक नहीं आने से सर्जना का एडमिशन मनचाहे कॉलेज में नहीं हो सका। इस बीच आनन्द कुमार को एसआईएमएस कंस्लटेंसी की तरफ से जीनत परवीन ने फोन किया। एजेंसी के जरिए मेडिकल कॉलेज में दाखिल मिल सकता है।
बेटी के भविष्य को देखते हुए आनन्द कुमार भी तैयार हो गए। इसी तरह पटना अशोक नगर निवासी पंकज कुमार की बेटी प्रगति पंकज को भी कंस्लटेंसी की तरफ से फोन किया गया। पीड़ितों के मुताबिक फोन पर बातचीत के बाद दोनों से रजिस्ट्रेशन के लिए 50-50 हजार रुपये जमा कराए गए। फिर उन्हें लखनऊ बुलाया गया। आनन्द और पंकज के मुताबिक कंस्लटेंसी का दफ्तर विभूतिखंड साइबर टॉवर में है। 16 अक्टूबर को दोनों लोग लखनऊ पहुंचे। एजेंसी की तरफ से भेजी गई गाड़ी से आनन्द और पंकज को अवध गेस्ट हाउस ले जाया गया। जिसके बाद राजीव सिंह उर्फ प्रेम प्रकाश विद्यार्थी, संजीव बाजपेई और सौरभ तिवारी उर्फ आनन्द तिवारी से मुलाकात कराई गई। जिन्होंने सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस हापुड़ में दाखिला कराने का भरोसा दिया।
फीस और हॉस्टल का दिया भरोसा
आनन्द और पंकज के मुताबिक आरोपियों ने एडमिशन के साथ ही फीस और हॉस्टल दिलाने के नाम पर 30-30 लाख रुपये मांगे थे। पीड़ितों ने सरस्वती एजुकेशनल एण्ड चेरिटेबल ट्रस्ट के खाते में यह रुपये जमा कर दिए। जिसके बाद उन्हें वापस भेज दिया गया। इस बीच पंकज और आनन्द लगातार फोन पर सम्पर्क बनाए रहे। कुछ दिन पूर्व आरोपियों के फोन बंद हो गए। शक होने पर पीड़ितों ने सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस हापुड़ से सम्पर्क किया। पूछताछ करने पर जानकारी मिली की सर्जना श्रेया और प्रगति पंकज का एडमिशन नहीं हुआ है। आरोपियों की सच्चाई पता चलने पर आनन्द और पकंज कुमार ने विभूतिखंड कोतवाली पहुंच कर इंस्पेक्टर राम सिंह को तहरीर दी। जिसके आधार पर निदेशक राजीव सिंह उर्फ प्रेम प्रकाश निवासी गोरखपुर, संजू बाजपेयी, संजीव बाजपेयी, सौरभ उर्फ आनन्द तिवारी, एजेंसी कर्मी जीनत परवीन, जया और पूनम शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
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