Hindi Newsकरियर न्यूज़NEET: Doctor father passed NEET to motivate his daughter daughter scored more marks than father in NEET

NEET: बेटी को प्रेरित करने के लिए डॉक्टर पिता ने पास किया NEET, बेटी ने पापा से अधिक अंक प्राप्त किए

NEET लगभग 30 वर्षों के अंतराल के बाद अपनी बेटी का मार्गदर्शन और प्रेरित करने की खातिर फिर से मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी की। नीट यूजी 2023 के लिए पिता और बेटी को अलग-अलग केंद्र मिले।

Anuradha Pandey संवाददाता, प्रयागराजWed, 18 Oct 2023 06:31 PM
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हर माता-पिता अपने बच्चों को सफल देखना चाहते हैं। खासकर पेशेवर व प्रतियोगी परीक्षाओं से पहले वो अपने बच्चों को डांटने-फटकारने के साथ ही सख्त अनुशासन का सहारा लेते हैं, लेकिन न्यूरो सर्जन 49 वर्षीय डॉ. प्रकाश खेतान ने अपनी 18 वर्षीय बिटिया मिताली को मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास कराने की खातिर एक अनूठी तरकीब आजमाई। बेटी को प्रेरित करने के लिए डॉ. खेतान ने भारी व्यस्तता, जिम्मेदारी के बावजूद NEET की तैयारी की और इस वर्ष दोनों ने एक साथ परीक्षा पास कर ली। उनकी बेटी को नीट के स्कोर के आधार पर देश के एक शीर्ष मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिल गया। खास बात यह है कि बेटी ने पिता को पीछे छोड़ते हुए अधिक अंक हासिल किए हैं।

डॉ. खेतान ने आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान को बताया कि मेरी बेटी कोविड-19 के बाद पढ़ाई में रुचि बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही थी। मैंने उसे राजस्थान के कोटा में एक कोचिंग संस्थान में दाखिला दिलाया, लेकिन वहां के माहौल में वह सहज नहीं थी। इस कारण वह घर लौट आई। कड़ी मेहनत और प्रतिस्पर्धा के बाद उसने यह सफलता हासिल की है। मैंने अपनी बेटी को उसके साथ नीट यूजी 2023 में शामिल होकर प्रेरित करने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि मैंने वर्ष 1992 में सीपीएमटी परीक्षा पास की थी और लगभग 30 वर्षों के अंतराल के बाद अपनी बेटी का मार्गदर्शन और प्रेरित करने की खातिर फिर से मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी की। नीट यूजी 2023 के लिए पिता और बेटी को अलग-अलग केंद्र मिले। डॉ. खेतान ने शिवकुटी के और उनकी बेटी मिताली ने झूंसी के केंद्र में परीक्षा दी। जून में जब परीक्षा के नतीजे आए तो मिताली ने 90 से अधिक अंक, जबकि डॉ. खेतान ने 89 अंक हासिल किए। नीट की काउंसिलिंग सितंबर के तीसरे सप्ताह तक जारी रही, लेकिन मिताली ने जुलाई में ही कर्नाटक के मणिपाल के कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में प्रवेश ले लिया। डॉ. खेतान ने कहा, पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती। ईमानदारी, प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत से सफलता पाई जा सकती है।

डॉ. खेतान की उपलब्धियां-13 अप्रैल 2011 को डॉ. प्रकाश खेतान ने एक आठ वर्षीय बालिका के मस्तिष्क की आठ घंटे सर्जरी करके 296 सिस्ट निकाले थे। उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है। 1992 में सीपीएमटी पास करने के बाद डॉक्टर खेतान ने मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में दाखिला लेकर एमबीबीएस की पढ़ाई की। उसके बाद 1999 में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से एमएस सर्जरी और 2003 में एमसीएच न्यूरो सर्जरी की पढ़ाई पूरी की।

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