Hindi Newsकरियर न्यूज़NEET : Delhi High court seeks NTA stand on plea concerning NEET answer key grace marks of physics question

NEET : नीट में 720 में से 633 अंक लाने वाला छात्र पहुंचा कोर्ट, नेगेटिव मार्किंग के डर से नहीं दिया था विवादास्पद प्रश्न का उत्तर

NEET प्रश्न पत्र में एक प्रश्न के 2 उत्तर माने गए। दोनों उत्तरों में से किसी को भी चुनने वालों को अंक दिए गए। लेकिन नेगेटिव मार्किंग के डर से कई छात्रों ने उस प्रश्न को हल नहीं किया।

Pankaj Vijay वरिष्ठ संवाददाता, नई दिल्लीSat, 8 June 2024 07:59 AM
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दिल्ली हाईकोर्ट ने नीट यूटी उम्मीदवार की याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी(एनटीए) से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति डी के शर्मा की अवकाश पीठ ने एनटीए के वकील से उस याचिका पर निर्देश मांगने को कहा, जिसमें प्रार्थना की गई है कि उन लोगों को समान अंक दिए जाने चाहिए जिन्होंने प्रश्न का उत्तर नहीं दिया, जैसा कि दो सही उत्तरों में से किसी एक का प्रयास करने वालों के लिए किया गया है। याचिका में कहा गया है कि प्रतिस्पर्धी परीक्षा में निष्पक्षता का सिद्धांत कहता है कि सभी उम्मीदवारों का मूल्यांकन समान स्तर पर किया जाना चाहिए और आरोप लगाया गया कि अधिकारियों ने दो सही विकल्पों को अंक देकर निष्पक्षता नहीं की है। जबकि निर्देशों में स्पष्ट रूप से संकेत दिया गया था कि केवल एक विकल्प सही था। 

याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने नेगेटिव मार्किंग से बचने के लिए, प्रश्न नहीं करने का फैसला किया और 720 में से 633 अंक प्राप्त किए, जिसमें कुल प्रतिशत लगभग 98 और अखिल भारतीय रैंक 44,700 के करीब थी। याचिकाकर्ता ने कहा है कि एक अंक उसकी अखिल भारतीय रैंक को महत्वपूर्ण रूप से बदल सकता है और इसलिए, संशोधित अंकों के आधार पर एनईईटी-यूजी 2024 परिणाम, रैंक और प्रतिशत को सही करने और पुनः प्रकाशित करने के लिए एनटीए को निर्देश देने की मांग की है। 

एनटीए ने 3 जून को अंतिम उत्तर कुंजी प्रकाशित की। यह देखा गया कि टेस्ट बुकलेट कोड आर5 के प्रश्न संख्या 29 के लिए, दोनों विकल्प 2 और 4 को सही माना गया, निर्देशों के विपरीत जिसमें कहा गया था कि केवल एक विकल्प सही हो सकता है ।अधिकारियों द्वारा घोषित परिणाम मनमाने थे और बिना दिमाग लगाए विभिन्न उम्मीदवारों को दिए गए अनुचित ग्रेस मार्क्स पर आधारित थे। इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी। 

याचिका में कहा गया है, ''गलत प्रश्न के मामले में अंक नहीं देना और प्रश्न के दो सही उत्तर होने की स्थिति में अभ्यर्थियों को एक पर निशान लगाने के लिए मजबूर करना उस निर्देश के उलट है, जिसमें कहा गया है कि केवल एक उत्तर सही होगा।'' याचिका में यह दलील दी गई है कि इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान है और प्रत्येक अंक से सैकड़ों रैंक ऊपर-नीचे हो सकता है।

याचिका में कहा गया, ''अंतिम परिणाम प्रकाशित किये जाने के बाद, यह पाया गया कि 67 अभ्यर्थियों को 720/720 अंक मिले हैं। हालांकि, 2024 से पहले तक अलग तस्वीर होती थी।''

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