Hindi Newsकरियर न्यूज़NCTE new education policy: Colleges do not have resources for new BEd course

NCTE नई शिक्षा नीति: नए बीएड कोर्स के लिए कॉलेजों के पास संसाधन नहीं

एनसीटीई ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस साल नए बीएड कोर्स के लिए कॉलेजों से पोर्टल पर आवेदन मांगे थे। इन कॉलेजों की रैंकिंग और सूची भी जारी कर दी गई है, लेकिन कई कॉलेजों पास 4 स्तरीय बीएड कोर्स के लिए सं

Alakha Ram Singh वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरTue, 14 Nov 2023 04:22 PM
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B.Ed Course: एनसीटीई नई शिक्षा नीति के तहत अब चार स्तरीय बीएड (आईटीईपी) शुरू करने जा रही है। शैक्षिक सत्र 2025-29 से यह शुरू हो जायेगा। लेकिन मुजफ्फरपुर सहित बिहार के दूसरे बीएड कॉलेजों के पास इस कोर्स को चलाने के लिए संसाधन नहीं है। एनसीटीई ने जो मानक तैयार किये हैं उनमें बिहार के कॉलेज पीछे हो रहे हैं। एमडीडीएम कॉलेज की बीएड की विभागाध्यक्ष डॉ मौसमी चौधरी ने बातया कि एनसीटीई ने चार स्तरीय बीएड कोर्स चलाने के लिए मान्यता की सूची जारी की है उसमें कॉलेजों को नैक में ए प्लस रैंकिंग, एनआईआरएफ रैंकिंग और कॉलेज में सेंटर फॉर एक्सीलेंस होना चाहिए। एनसीटीई ने मानकों की सूची भी जारी कर दी है।

अलग-अलग कक्षा के लिए अलग पढ़ाई डॉ मौसमी चौधरी ने बताया कि चार स्तरीय बीएड में अलग-अलग कक्षा के लिए अलग पढ़ाई होगी। अब तक हो रहे बीएड में सभी कक्षाओं के लिए एक कोर्स होता था। चार स्तरीय बीएड में फाउंडेशन, प्राथमिक, मीडिल और हायर चार स्तरों में कोर्स होगा। इसके साथ दो वर्षीय बीएड का कोर्स बंद हो जायेगा। दो वर्षीय बीएड के साथ अभी चल रहे चार वर्षीय बीएड की जगह चार स्तरीय बीएड चलेगा। चार स्तरीय बीएड भी चार वर्ष का ही होगा।

अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत चल रहा है कोर्स चार स्तरीय बीएड अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत कई केंद्रीय विश्वविद्यलाय और दूसरे केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में चल रहा है। इस वर्ष अप्रैल में एनसीटीई ने इस कोर्स को चलाने के लिए आवेदन मांगे थे, लेकिन संसाधन नहीं होने के कारण बिहार के किसी भी कॉलेज ने इस कोर्स को शुरू करने के लिए आवेदन नहीं किया । एनसीटीई ने 27 अप्रैल को अधिसूचना जारी कर सभी कॉलेजों से कोर्स के लिए आवेदन मांगा था।

नये सत्र में मानकों में आ सकता है लचीलापन
एनसीटीई नये सत्र में चार स्तरीय बीएड को लेकर लचीलापन ला सकती है। डॉ मौसमी ने बताया कि बिहार सहित कई राज्यों में नैक में ए प्लस रैंकिंग के कॉलेज नहीं हैं। बीआरएबीयू के एलएस कॉलेज को ही ए ग्रेड मिला है, उसके अलावा सभी कॉलेजों को बी ग्रेड ही है। इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि अगले वर्ष से नैक में बी ग्रेड वाले कॉलेजों को भी कोर्स चलाने का मौका दिया जायेगा। डॉ चौधरी ने बताया कि इस कोर्स से बीएड शिक्षण में गुणवत्ता बढ़ेगी और प्रोफेशनलिज्म आयेगा।  

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