नालंदा खुला विवि में एक साल से नहीं हुई हैं परीक्षाएं, 20 हजार से अधिक विद्यार्थी कर रहे इंतजार
नालंदा खुला विश्वविद्यालय में सत्र 2020 में नामांकन लेने वाले छात्रों का अभी तक परीक्षा शेड्यूल तक जारी नहीं किया गया है। कब परीक्षा होगी, इसकी सूचना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध नहीं...
नालंदा खुला विश्वविद्यालय में सत्र 2020 में नामांकन लेने वाले छात्रों का अभी तक परीक्षा शेड्यूल तक जारी नहीं किया गया है। कब परीक्षा होगी, इसकी सूचना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध नहीं है।
छात्र विश्वविद्यालय में आकर परीक्षा की जानकारी के लिए चक्कर लगाते रहते हैं। इस विश्वविद्यालय में राज्य के हर कोने के छात्रों का नामांकन होता है। परीक्षा का इंतजार लगभग 20 हजार छात्र कर रहे हैं। इसके अलावा झारखंड के भी छात्र नामांकन कराते हैं। विश्वविद्यालय में एक साल से स्तनाक और स्नातकोत्तर की परीक्षा नहीं हुई है। एक साल से अधिक समय का सत्र विलंब चल रहा है। अभी तक शत-प्रतिशत नामांकित सभी छात्रों को किताबें भी उपलब्ध नहीं हो सकी है।
यूजीसी के नियम के विरुद्ध लिया जा रहा नामांकन: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमानुसार विश्वविद्यालय को 30 नवम्बर तक नामांकन की प्रक्रिया समाप्त कर देनी है। लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से नियम को ताक पर रखकर सत्र 2020 का नामांकन फरवरी तक लिया गया। इसकी अभी तक परीक्षा भी नहीं हो सकी है। छात्र परेशान हैं। जबकि मई से जून में परीक्षा हो जानी चाहिए थी। इसी तरह से सत्र 2021 का नामांकन प्रक्रिया अभी तक जारी है। विश्वविद्यालय की ओर से 14 जनवरी तक नामांकन लेने की तिथि जारी की गई। इसकी परीक्षा कब होगी। इसकी कोई गारंटी नहीं है। पूर्व में नामांकन के समय ही परीक्षा की संभावित तिथि जारी कर दी जाती थी। इधर, विश्वविद्यालय के परीक्षा कुलसचिव डॉ. नीलम कुमारी के अनुसार वर्ष 2020 की परीक्षा फरवरी में संभावित है।
वर्ष 2023 तक ही है विश्वविद्यालय की मान्यता
यूजीसी से नालंदा खुला विश्वविद्यालय की मान्यता वर्ष 2023 का है। इसके बाद मान्यता समाप्त हो जाएगी। अब विश्वविद्यालय को नैक से भी ग्रेड लेना होगा। इस विश्वविद्यालय में दो कुलसचिव के पद हैं। एक परीक्षा कुलसचिव जिनकी जिम्मेवारी परीक्षा कराने से लेकर रिजल्ट जारी करने और नामांकन की होती है। यह पद पूरी तरह से एकेडमिक है। वर्तमान में नॉन एकेडमिक को पद सौंप दिया गया है। विवि के नियम के अनुसार किसी भी सेवानिवृत्त व्यक्ति को परीक्षा कुलसचिव नहीं बनाया जा सकता है। दूसरा कुलसचिव का पद है। इनका कार्य प्रशासनिक सहित अन्य कार्यों को देखना है।
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