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PG स्टूडेंट को होस्टल में रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकते मेडिकल कॉलेज-NMC

Medical colleges-नेशनल मेडिकल कमिशन ने मेडिकल कॉलेजों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि मेडिकल कॉलेज मोनेट्री पैनल्टी, सीटों को कम करना और स्टूडेंट्स को हॉस्टल में रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 9 Feb 2024 05:04 PM
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नेशनल मेडिकल कमिशन ने मेडिकल कॉलेजों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि मेडिकल कॉलेज स्टूडेंट्स को हॉस्टल में रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं। एनएमसी ने कई स्टूडेंट्स से शिकायते मिलने के बाद यह चेतावनी जारी की है। पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन एक्ट के अनुसार (PGMER) 2023 यह कॉलेजों के लिए अनिवार्य है कि वो स्टूडेंट्स के रहने की सही व्यवस्था कराएं, लेकिन पीजी स्टूडेंट्स के लिए यह अनिवार्य नहीं है कि उन्हें हॉस्टल में ही रहने के लिए मजबूर किया जाए। एनएमसी ने साफ कर दिया है कि पीजी स्टूडेंट्स हॉस्टल में रहे या न रहें, यह ऑप्शनल है।

आपको बता दें कि स्टूडेंट्स ने शिकायत की थी कि मेडिकल कॉलेजों ने न केवल उन्हें रुकने के लिए मजबूर किया बल्कि भारी शुल्क भी लिया। एनएमसी ने कहा है कि पीजी छात्रों से कई शिकायतें मिली हैं जिनमें आरोप लगाया गया है कि मेडिकल कॉलेजों द्वारा इस मद में मोटी रकम वसूली जा रही है। यह पीजीएमईआर, 2023 के विनियमन 5.6 का उल्लंघन है।

आयोग ने सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को इन नियमों का संज्ञान लेने का निर्देश दिया और ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई की चेतावनी दी। आपको बता दें कि  एनएमसी ने कहा कि इन सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को उपर्युक्त विनियमन का संज्ञान लेने के लिए निर्देशित किया जाता है, ऐसा न करने पर एनएमसी पीजीएमईआर 2023 के नियमों 9.1 और 9.2 के अनुसार कार्रवाई कर सकता है जिसमें मौद्रिक जुर्माना, सीटों में कमी, प्रवेश रोकना आदि शामिल है।

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