MBBS Village: एक ऐसा गांव जहां अधिकतरों घरों में हैं एमबीबीएस डिग्री होल्डर, ऐसे शुरू हुई थी इस गांव की कहानी
कलवा हॉस्पिटल में 24 घंटे से भी कम समय में 18 मरीजों की मौत ने ठाणे जिले में पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रचर की कमी को जगजाहिर कर दिया है। मरने वाले मरीजों में 10 ठाणे शहर के बाहर से और चार कल्याण-डोंबिवली
कलवा हॉस्पिटल में 24 घंटे से भी कम समय में 18 मरीजों की मौत ने ठाणे जिले में पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रचर की कमी को जगजाहिर कर दिया है। मरने वाले मरीजों में 10 ठाणे शहर के बाहर से और चार कल्याण-डोंबिवली से आए थे। वहीं इसी जिले में आने वाला एक एक छोटा सा गांव अपनी रिमार्कएबल अचीवमेंट के लिए सबसे आगे उदाहरण दे रहा है। कल्याण डोबिंवली के बाहरी इलाके के घरीवली गांव में करीब 30 परिवार रहते हैं और इनमें से 20 परिवारों में क्वालीफाई डॉक्टर हैं। इसके अलावा 5 लोग ऐसे हैं, जिनके बच्चे एमबीबीएस की डिग्री अगले कुछ सालों में ले लेंगे। इस गांव को डॉक्टरांचा गांव कहा जाता है, यानी एमबीबएस डॉक्टरों का गांव।
आपको बता दें कि कल्याण डोंबिवली में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर सीमित है। अगर कोई इमरेजेंसी आती है, तो यहां के लोगों को 5 किमी दूर डोंबिवली के पास प्राइवेट हॉस्पिटलों में जाना पड़ता है। आज भी प्राइमपी हेल्थ सेंटर बहुत कम हैं और हैं भी तो वहां पूरे चीजें नहीं। घरीवली गांव की सक्सेस स्टोरी साल 2000 में शुरू हुई जब संजय पाटिल इस गांव पहली बार एमबीबीएस डिग्री हासिल की।
उनकी इस अचीवमेंट से गांव के दूसरे युवा भी आगे और इस प्रोफेशन में जाने की सोची। डॉक्टर संजय पाटिल ने जिला परिषद के सरकारी स्कूल में पढ़ाई की है और स्कॉलरशिप के जरिए अपनी पढ़ाई पूरी की। यहां के अधिकतर बच्चे स्थानीय स्कूलों में पढ़ें हैं। अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए पाटिल कहते हैं कि जब उन्होंने एचएससी के एग्जाम दिए तब ही उनके पिता का निधन हो गया और उनके भाई ने उनकी पढ़ाई करने में मदद की। आज मैं अपने गांव के युवाओं की मदद कर रहा हूं। खुद मेरे ही परिवार में 5 डॉक्टर हैं।
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