MBBS : नीट टॉपर ने एम्स छोड़कर इस मेडिकल कॉलेज में लिया एडमिशन, बताया कारण
नीट की काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी है। हर बार की तरह इस बार भी एम्स समेत देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों की एमबीबीएस सीटों पर टॉपरों का ही कब्जा रहा है। देश का बेस्ट मेडिकल कॉलेज एम्स नई दिल्ली इस बार भी टॉ
नीट की काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी है। हर बार की तरह इस बार भी एम्स समेत देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों की एमबीबीएस सीटों पर टॉपरों का ही कब्जा रहा है। देश का बेस्ट मेडिकल कॉलेज एम्स नई दिल्ली इस बार भी टॉपरों की पहली पसंद बना है, सिवाय एक टॉपर को छोड़कर। नीट के टॉप स्कोरर चार स्टूडेंट्स में से एक रुचा पवाशे ने सबको चौंकाते हुए एम्स नई दिल्ली को छोड़कर बेलागवी (कर्नाटक) के स्थानीय मेडिकल को चुना है। आपको बता दें कि इस बार नीट में चार छात्रों ने 720 में से 715 अंक हासिल किए थे। रुचा पवाशे इनमें से एक थीं। टाइ ब्रेकिंग फॉर्मूले के चलते रुचा को रैंक 4 दी गई थी।
रुचा को छोड़कर नीट के टॉप 10 स्टूडेंट्स ने एम्स को चुना है। जबकि रुचा ने बेलगाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (बीआईएमएस), बेलगवी, कर्नाटक में एडमिशन लिया है। हालांकि जब रुचा ने टॉप किया था तब उन्होंने नई दिल्ली एम्स में ही एडमिशन लेने की इच्छा जाहिर की थी। ऐसे में नीट रिजल्ट से काउंसलिंग की प्रक्रिया के बीच उनका मूड क्यों बदल गया? टाइम्स नाऊ की खबर के मुताबिक उन्होंने कहा, 'मैं बेलगावी के एक छोटे से गांव से हूं और नई दिल्ली बहुत दूर लगती थी। अपने पूरे 19 साल की उम्र में मैं अपने परिवार से इतना दूर कभी नहीं रही। इसलिए मैंने एम्स नई दिल्ली में एडमिशन न लेना का फैसला किया।'
उन्होंने कहा, 'मेरे पास बहुत सारे विकल्प थे। मैंने काफी रिसर्च की। लॉजिस्टिक संबंधी चिंताएं थीं, छात्रावास में रूम की कमी थी। मैंने 5 मेडिकल कॉलेज को शॉर्टलिस्ट किया था। फिर अंत में एक कॉलेज चुना जो मेरे घर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है। इसमें अच्छी फैकल्टी हैं। यहां मुझे किसी अन्य मेडिकल कॉलेज की तरह ही एमबीबीएस कोर्स पढ़ाया जाएगा।''
लेकिन एम्स दिल्ली जहां देश का टॉप मेडिकल कॉलेज है, वहां बीआईएमएस टॉप 50 मेडिकल कॉलेजों की एनआईआरएम रैंकिंग में भी नहीं आता। एम्स से डॉक्टरी की पढ़ाई निश्चित तौर पर करियर व तरक्की के लिए फायदेमंद रहता लेकिन रुचा के लिए उसका समाज व समुदाय भी मायने रखता है। रुचा ने कहा, 'मेरे परिवार में काफी लोग डॉक्टर हैं। मेरे दादाजी, माता-पिता और भाई डॉक्टर हैं। मैं भी अपने समुदाय की सेवा करना चाहता हूं और बीआईएमएस एक बहुत अच्छा मेडिकल कॉलेज है। मैं एक छोटे से गांव में रहती। अच्छी रैंक हासिल करना मेरा पहला मकसद था। अब रिजल्ट के बाद से बहुत से लोग अपने बच्चों के लिए मदद और मार्गदर्शन के लिए मेरे पास पहुंच रहे हैं। अपने घर के पास का मेडिकल कॉलेज चुनकर मैं अपने समुदाय के साथ रहकर यहां के बच्चों की मदद कर सकूंगी।
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