MBBS : नीट काउंसलिंग शेड्यूल ने यूपी के मेधावियों से छीना पसंदीदा मेडिकल कॉलेज का मौका
नीट से मेडिकल की स्नातक की पढ़ाई के लिए चयनित बच्चों को केन्द्र सरकार की मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) उनकी योग्यता के अनुसार बेहतर से बेहतर कॉलेज या विश्वविद्यालय चुनने के विकल्प देती है।
नीट से मेडिकल की स्नातक की पढ़ाई के लिए चयनित बच्चों को केन्द्र सरकार की मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) उनकी योग्यता के अनुसार बेहतर से बेहतर कॉलेज या विश्वविद्यालय चुनने के विकल्प देती है। मगर राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग की लापरवाही ने यह मौका यूपी के हजारों मेधावी छात्र-छात्राओं से छीन लिया है। एमसीसी ने यूपी कोटे से प्रवेश सूची जारी करने को 28 अक्तूबर की तिथि तय की थी, उसके चार दिन बाद भी सूची नहीं जारी की। राज्य की सूची जारी होने के बाद चार दिन तक का ही समय (1 नवंबर तक) पुराने कॉलेज से प्रवेश निरस्त कराकर अपने मूल प्रमाण पत्र लेने का था।
नीट में चयनित बच्चों को एमबीबीएस की शिक्षा के लिए दो तरह से कॉलेजों या विश्वविद्यालयों में प्रवेश दिया जाता है। टॉप रैंकिंग वालों को ऑल इंडिया कोटे के तहत चिकित्सा संस्थानों मसलन एम्स, बीएचयू आदि में प्रवेश दिया जाता है। इसके बाद रैंकिंग के आधार पर राज्य कोटे की सीटों पर राज्य सरकार के कॉलेजों में प्रवेश मिलता है। छात्रों को बेहतर विकल्प मिलें और सीटें खाली न रहें, इसके लिए एमसीसी ने शेड्यूल जारी करते समय ही तय कर दिया था कि ऑल इंडिया कोटे के प्रवेश की अंतिम तिथि (28 अक्तूबर) पर ही यूपी का चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रवेश की पहली सूची जारी कर देगा। इससे पहले राज्य कोटे से चयनित बच्चों की काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी कर लेनी थी।
इसका मकसद यह था कि ऑल इंडिया कोटे से चयनित अभ्यर्थियों को यदि राज्य कोटे से बेहतर कॉलेज मिलता है तो वे ऑल इंडिया कोटे से मिले कॉलेज से त्यागपत्र (प्रवेश निरस्त कराकर) देकर राज्य कॉलेज को आसानी से ज्वाइन कर सकें। ऐसे अभ्यर्थियों के लिए एमसीसी ने 1 नवंबर तक समय दिया था कि इस बीच वे पुराने कॉलेज से अपना प्रवेश निरस्त कराकर अपने मूल प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें। उच्चतम न्यायालय ने भी एमसीसी की इस गाइडलाइन का अक्षरश: पालन करने के निर्देश सभी राज्यों के चिकित्सा शिक्षा विभागों को दिए हैं। इसके बाद भी यूपी में इसका पालन नहीं हुआ।
एमसीसी के निर्देशों के अनुसार यूपी में चिकित्सा शिक्षा विभाग को 17 से 28 अक्तूबर तक कॉउंसलिंग प्रकिया पूरी कर पहली प्रवेश सूची जारी कर देनी थी मगर उसकी जगह पर 22 अक्तूबर को पहली बार यहां काउंसलिंग के लिए नोटिस जारी किया गया। अब उसे संशोधित कर 8 व 9 नवंबर प्रथम प्रवेश सूची जारी करने की तिथि घोषित की गई है। इसलिए यूपी के अभ्यर्थी चाहकर भी अपना विकल्प नहीं चुन पाएंगे। कई बच्चों के अभिभावकों ने इस संबंध में जारी हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करने की कोशिश की मगर उनकी कोशिश बेकार रही। अभिभावकों ने मुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा मंत्री से मामले की शिकायत की है।
हेल्पलाइन नंबर एक गलत, दूसरा चौबीस घंटे बिजी
नीट काउंसलिंग व प्रवेश के लिए राज्य के चाकित्सा शिक्षा विभाग ने दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। इनमें से एक नंबर 09532315657 गलत बता रहा है। वहीं दूसरा नंबर 07897451786 लगातार व्यस्त बताता है। अभिभावकों ने इसे घोर लापरवाही व गैर जिम्मेदाराना रवैया करार दिया है। यूपी में मेडिकल कॉलेज व विश्वविद्यालय में प्रवेश तथा शिक्षा आदि की जिम्मेदारी महानिदेशालय चिकित्सा शिक्षा की है।
श्रुति सिंह ( महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा ) ने कहा, नीट काउंसलिंग की तारीखें पहले से तय हैं। यूपी में उसी के तहत काउंसलिंग की प्रक्रिया चल रही है। किसी भी तरह की काउंसलिंग में गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यदि कोई शिकायत करता है तो उसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। हेल्प लाइन नम्बर ठीक काम कर रहे हैं।
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