Hindi Newsकरियर न्यूज़MBBS Admission: NEET Rank around one lakh duped in the name of government medical college

MBBS : NEET में आई एक लाख के आसपास रैंक, सरकारी मेडिकल कॉलेज के चक्कर में हुए 6 लाख की ठगी के शिकार

छात्र अपनी मां और सेना से सेवानिवृत्त हुए पिता एसएन बोनिया के साथ एमबीबीएस की कक्षा का पता करने मेडिकल कॉलेज पहुंचा। तब जाकर ठगी के मामले का पर्दाफाश हुआ। ठगी की शिकार महिला का रो-रोकर बुरा हाल था।

Pankaj Vijay वरीय संवाददाता, धनबादSat, 7 Jan 2023 11:44 AM
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शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) में एमबीबीएस में नामांकन के नाम पर ग्वालियर के एक परिवार से छह लाख की ठगी कर ली गई। ठगी के नकद पांच लाख रुपए इस मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ओपीडी बिल्डिंग स्थित ईएनटी ओपीडी के कमरा संख्या 77 में लिए गए और एक लाख रुपए फोन पे पर तीन किस्तों में ऑनलाइन लिया गया। शुक्रवार को तुषार बोनिया नामक भुक्तभोगी छात्र अपनी मां और सेना से सेवानिवृत्त हुए पिता एसएन बोनिया के साथ एमबीबीएस की कक्षा का पता करने मेडिकल कॉलेज पहुंचा। तब जाकर ठगी के इस पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ। ठगी की शिकार हुई महिला का रो-रोकर बुरा हाल था।

यह है मामला
महिला ने बताया कि नीट में उसके बेटे की रैंक एक लाख के आसपास थी। कई प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से एडमिशन के लिए उसके पास कॉल आ रहे थे। इसी क्रम में सुभाष नामक व्यक्ति ने कॉल कर सेंट्रल नॉमिनी कोटा से धनबाद के सरकारी मेडिकल कॉलेज एसएनएमएमसीएच में एडमिशन का भरोसा दिया और 12 नवंबर को धनबाद बुलाया। विश्वास जमाने के लिए उसने एक आधार कार्ड का पिछला हिस्सा भेजा, जिसमें पिता का नाम सत्येंद्र कुमार और पता में गोरखपुर था। वे लोग उसके झांसे में आ गए। निर्धारित तिथि को पति और बेटे के साथ धनबाद पहुंची। 

अपने को संदीप बताने वाला युवक उनसे धनबाद स्टेशन पर मिला और ऑटो से लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचा। यहां मेन गेट पर मेडिकल कॉलेज का अधिकारी बता कर दो लोगों को मिलवाया। इसके बाद तीनों इन तीनों को लेकर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के मुख्य द्वार से होते हुए ईएनटी विभाग के कमरा नंबर 67 में ले गए। यहां पांच लाख रुपए नकद लिया। इसके बाद फॉर्म पर साइन करवाया। यहीं 8500 रुपए की एक रसीद भी दी, जिसे हॉस्टल फीस बतायी। इसके बाद वे लोग नामांकन की प्रक्रिया पूरी करने का भरोसा देकर वहां से चले गए। दोबारा कॉल कर 11 दिसंबर को उसे 50 हजार, 21 दिसंबर को 20 हजार और 3 जनवरी को 30 हजार रुपए फोन पे पर मंगवाए। 3 जनवरी को पैसे भेजने के बाद संदीप का मोबाइल स्विच ऑफ आने लगा। इसके बाद महिला अपने पति और बेटे को लेकर नामांकन का पता करने शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज पहुंची।

ऐसे खुला मामला
 मेडिकल कॉलेज में इस परिवार की मुलाकात एडमिशन इंचार्ज डॉ गणेश कुमार से हुई। उनसे वे लोग एमबीबीएस की नई कक्षा के बारे में जानकारी लेने लगे। उन्हें ठग द्वारा दी गई हॉस्टल की रसीद भी दिखाई। रसीद देखते ही पता चल गया कि यह कॉलेज द्वारा निर्गत नहीं की गई है। इसके बाद यह पूरा मामला खुल गया।

सेंट्रल नॉमिनी कोटा से नामांकन का दिया था झांसा
महिला के अनुसार सुभाष ने सेंट्रल नॉमिनी कोटे से नामांकन कराने का झांसा दिया था। ग्वालियर में रहने वाला यह परिवार मूलरूप से असम का रहने वाला है। इस मेडिकल कॉलेज में सेंट्रल नॉमिनी का दो कोटा है। इसमें एक सीट पर सेवन सिस्टर स्टेट के किसी छात्र का और दूसरी सीट पर सेंट्रल मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स से एक छात्र का नामांकन होता है। इनका नाम सरकार द्वारा भेजा जाता है। ठग ने इसी का फायदा उठाते हुए महिला को अपने झांसे में लिया और घटना को अंजाम दिया।

अस्पताल कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध
पूरे मामले में अस्पताल के कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है। ईएनटी विभाग के ओपीडी स्थित जिस कमरा नंबर 67 में महिला से पांच लाख रुपए नकद लिए गए, इस कमरे में ऑडियोमेट्री मशीन लगी है। इस साउंडप्रूफ कमरे में सुनने की क्षमता की जांच होती है। यह कमरा सप्ताह में सिर्फ दो दिन बुधवार और शनिवार को खुलता है। ठगी करने वालों को इसकी पूरी जानकारी थी। इसलिए 12 नवंबर शनिवार को भुक्तभोगी परिवार को यहां बुलाया और इसी कमरे में ले गए। कमरे में भी सभी लोग बिना किसी डर-भय के कुर्सियों पर बैठे थे। महिला को यह भी अंदेशा है कि ठगों के साथ एक व्यक्ति यहां का कर्मचारी था। साथ ही वे लोग किसी खुशबू नामक नर्स का नाम ले रहे थे।

डॉ गणेश कुमार (एडमिशन इंचार्ज, एसएनएमएमसीएच) ने कहा, 'तुषार बोनिया नामक युवक एमबीबीएस में सेंट्रल नॉमिनी कोटे से नामांकन की जानकारी लेने आया था। इस कोटे से दो छात्रों का नामांकन पहले ही हो चुका है। पूछताछ में पता चला कि नामांकन के नाम पर उससे 6 लाख रुपए की ठगी कर ली गई है। छात्र के माता-पिता को थाने में शिकायत करने की सलाह दी गई है।'

कोल इंडिया कोटा से नामांकन लेने पहुंचा था एक छात्र
अधिकारियों की मानें तो इस मेडिकल कॉलेज में नामांकन के नाम पर ठगी का यह दूसरा मामला है। इसी साल एक छात्र कोल इंडिया कोटा से नामांकन लेने पहुंच गया। उसके पास कोल इंडिया से जारी कथित एक पत्र भी था जबकि इस मेडिकल कॉलेज में इस तरह का कोई कोटा ही नहीं है।

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