काशी विद्यापीठ का विदेशी विश्वविद्यालय से पहली बार होगा करार
Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth: कुलपति के साथ आ रहा चार सदस्यीय दल विद्यापीठ के साथ शैक्षणिक आदान-प्रदान, विद्यार्थियों और शिक्षकों को लेकर करार और नए पाठ्यक्रमों से जुड़ी संभावनाओं को तलाशेगा।
पाठ्यक्रम, शिक्षक और विद्यार्थियों के आदान-प्रदान के लिए काशी विद्यापीठ पहली बार किसी विदेशी विश्वविद्यालय से करार करेगा। घाना की यूनिवर्सिटी और केप कोस्ट के साथ करार के बाद विद्यापीठ उनके सहयोग से वन्यजीव प्रबंधन और समुद्र विज्ञान जैसे नए पाठ्यक्रम भी शुरू करेगा। इस सिलसिले में घाना के कुलपति 28 सितंबर को विद्यापीठ में आ रहे हैं।
कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद विद्यापीठ में विदेशी छात्रों के लिए कोर्स शुरू करने की मंशा जताई थी। इस क्रम में गुरुवार को उन्होंने बैठक कर जानकारी दी कि 28 सितंबर को घाना की यूनिवर्सिटी ऑफ केप कोस्ट के कुलपति प्रो. जॉनसन नियारको बॉमपांग विद्यापीठ आ रहे हैं।
कुलपति के साथ आ रहा चार सदस्यीय दल विद्यापीठ के साथ शैक्षणिक आदान-प्रदान, विद्यार्थियों और शिक्षकों को लेकर करार और नए पाठ्यक्रमों से जुड़ी संभावनाओं को तलाशेगा। घाना के शिक्षकों का दल भारत की बदली हुई शैक्षणिक व्यवस्था को समझने का प्रयास करेगा। इसके साथ ही भारतीय संस्कृति, पुराण, धर्म और वेद विज्ञान पर उनके यहां नए कोर्स शुरू करने में विद्यापीठ उनकी मदद करेगा।
कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने बताया कि विद्यापीठ में भी उनकी मदद से वन्यजीव प्रबंधन, समुद्र विज्ञान, कृषि संबंधी कुछ नए पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने बताया कि 28 सितंबर को घाना के कुलपति के साथ आने वाला दल विद्यापीठ में कक्षाओं के तरीके और कोरोना काल के दौरान शिक्षण व्यवस्था पर भी चर्चा करेगा।
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