KVS : केंद्रीय विद्यालय भर्ती में 18 माह के एनआईओएस डीएलएड वालों के नियुक्ति पत्र पर रोक
NIOS से 18 माह के डीएलएड करने वाले को नियुक्ति पत्र पर केंद्रीय विद्यालय संगठन ने रोक लगा दी है। यह निर्णय केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद लिया है।
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से 18 माह के डीएलएड करने वाले को नियुक्ति पत्र पर केंद्रीय विद्यालय संगठन ने रोक लगा दी है। यह निर्णय केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद लिया है। बता दें कि केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा बिहार के 53 केंद्रीय विद्यालय में 97 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। 30 नवंबर को आयोजित रोजगार मेला में इन्हें नियुक्ति पत्र देना है। इन 97 अभ्यर्थियों में 26 अभ्यर्थी 18 महीने के डीएलएड कोर्स करने वाले हैं। इन 26 अभ्यर्थियों को अब 30 नवंबर को होने वाले रोजगार मेला में नियुक्ति पत्र नहीं दिया जाएगा। इसकी जानकारी केवीएस बिहार क्षेत्रीय कार्यालय की प्रभारी उपायुक्त सोमा घोष ने दी। उन्होंने कहा कि जब तक आगे कोई निर्णय नहीं हो जाता है तब तक इन 26 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं दिया जाएगा।
बिहार से दो लाख 85 हजार शिक्षकों ने किया है कोर्स
एनआईओएस ने 2017 में देशभर के सरकारी और गैर सरकारी स्कूल में कार्यरत शिक्षकों के लिए यह कोर्स करवाया था। बिहार की बात करें तो दो लाख 85 हजार शिक्षकों ने यह कोर्स किया है। इसमें दो लाख निजी स्कूल और 85 हजार सरकारी स्कूल के शिक्षक शामिल हैं।
18 माह का डीएलएड डिप्लोमा, दो वर्ष के डिप्लोमा के बराबर नहीं-सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा कि राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से 18 महीने का डीएलएड डिप्लोमा कोर्स 2 साल के डिप्लोमा के बराबर नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी तथ्यों से जाहिर होता है कि एनआईओएस से 18 माह डीएलएड डिप्लोमा को राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षक भर्ती के लिए योग्यता के रूप में मान्यता नहीं दी है। कोर्ट के इस फैसले से एनआईओएस से 18 माह का डीएलएड डिप्लोमा धारक नई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते।
पीठ ने हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि एनआईओएस से 18 माह का डीएलएड डिप्लोमा पाठ्यक्रम 2 साल के डिप्लोमा के बराबर है। शीर्ष अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट का यह कहना गलत है कि दोनों डिप्लोमा बराबर है। एनसीटीई द्वारा 23 अगस्त 2010 और 29 जुलाई 2011 की अधिसूचनाओं के स्थान पर इस आशय की (18 माह के डिप्लोमा पाठ्यक्रम) कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है, जिसमें शिक्षकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता के रूप में न्यूनतम 2 वर्ष के डिप्लोमा को अनिवार्य योग्यता माना गया था। यह टिप्पणी करते हुए शीर्ष कोर्ट ने फैसला रद्द कर दिया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।