KVS Admission: दाखिले की न्यूनतम उम्र 6 साल करने पर केवी के खिलाफ कार्रवाई करेगी दिल्ली सरकार
केंद्रीय विद्यालयों (केवी) में पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र छह साल किए जाने को उच्च न्यायालय में गुरुवार को दिल्ली सरकार ने गलत बताया। इसके साथ ही सरकार ने न्यायालय को बताया कि वह इस...
केंद्रीय विद्यालयों (केवी) में पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र छह साल किए जाने को उच्च न्यायालय में गुरुवार को दिल्ली सरकार ने गलत बताया। इसके साथ ही सरकार ने न्यायालय को बताया कि वह इस मामले में केंद्रीय विद्यालय के खिलाफ समुचित कार्रवाई करेगी। केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) द्वारा दाखिल की उम्र छह साल किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय को यह जानकारी दी।
जस्टिस रेखा पल्ली ने इस पर दिल्ली सरकार के वकील से जानना चाहा कि वह किस कानून के तहत केंद्रीय विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई करेगी क्योंकि इसका संचालन केंद्र सरकार के अधीन है। इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि इस बारे में सोमवार को समुचित जानकारी देंगे। दूसरी तरफ केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा कि वह सरकार के नई शिक्षा नीति के तहत दाखिले की न्यूनतम उम्र छह साल किया है। उच्च न्यायालय ने इस मसले पर मंगलवार को केंद्रीय विद्यालय संगठन से जवाब मांगा है। न्यायालय एक बच्ची की ओर से न्यूनतम उम्र छह साल किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है। केवीएस ने नये सत्र में पहली कक्षा में दाखिले के लिए 31 मार्च, 2022 को बच्चे का न्यूनमत उम्र छह साल होना अनिवार्य कर दिया। पहले 5 साल के बच्चे को दाखिला मिलता था।
केंद्रीय विद्यालय में पहली कक्षा में दाखिले का इंतजार कर रही बच्ची आरिन की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल और कुमार उत्कर्ष ने केवीएस द्वारा पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्रसीमा 5 साल से बढ़ाकर छह साल किए जाने को चुनौती दी है। उन्होंने याचिका में अचानक लिए गए केवीएस के इस निर्णय को मनमाना, अतार्किक और अनुचित बताते हुए रद्द करने की मांग की है। याचिका में कहा है कि याचिकाकर्ता की उम्र 5 साल 9 माह 28 दिन की है और वह अभी यूकेजी में पढ़ रही है और इस साल पहली कक्षा में दाखिला लेने का इंतजार कर रही है। याचिका में कहा गया है कि केवीएस के निर्णय बच्ची दाखिले के लिए आवेदन करने के अधिकार से भी वंचित हो जाएगी। याचिकाकर्ता ने कहा है कि केवीएस के इस निर्णय से वह पहली कक्षा में दाखिला नहीं ले पाएगी क्योंकि 31 मार्च, को उसकी उम्र छह साल पूरा नहीं होगा। अधिवक्ता अग्रवाल ने इसे शिक्षा के अधिकार के साथ-साथ बच्ची के मौलिक अधिकारों का हनन बताया है।
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