UPSC Interview 2022: जानें- UPSC इंटरव्यू में उम्मीदवारों का कितना झूठ बोलना सही है?
UPSC Interview 2022: यूपीएससी की परीक्षा मुश्किल परीक्षा में एक होती है। जिसे क्लियर करने के लिए दिन रात एक करने पड़ते हैं। वहीं इस परीक्षा में सबसे मुश्किल चरण इंटरव्यू यानी पर्सनालिटी टेस्ट का है। ज
UPSC Interview 2022: यूपीएससी की परीक्षा मुश्किल परीक्षा में एक होती है। जिसे क्लियर करने के लिए दिन रात एक करने पड़ते हैं। वहीं इस परीक्षा में सबसे मुश्किल चरण इंटरव्यू यानी पर्सनालिटी टेस्ट का है। जिसमें बोर्ड पैनल उम्मीदवारों की पर्सनालिटी चेक कर ये तय करता है कि वह IAS, IPS जैसे पदों पर काम करने के काबिल है या नहीं।
इंटरव्यू यानी पर्सनालिटी टेस्ट का मौका उन उम्मीदवारों को मिलता है जो यूपीएससी मेंस परीक्षा पास कर पाते हैं। यूपीएससी इंटरव्यू के दौरान ये बोर्ड पैनल उम्मीदवार के व्यक्तितत्व का मूल्यांकन करते हैं, ऐसे में किसी भी उम्मीदवार को अपनी फेक पर्सनालिटी नहीं दिखानी चाहिए, लेकिन कुछ उम्मीदवार इंटरव्यू के दौरान फेक बनने की कोशिश करते हैं। आइए ऐसे में जानते हैं, यूपीएससी इंटरव्यू के दौरान कितना फेक होना या झूठ बोलना सही है? इसके बारे में बता रही हैं, दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सलोनी खन्ना। सलोनी खन्ना दृष्टि मॉक इंटरव्यू पैनल की मेंबर भी हैं।
सलोनी खन्ना ने पूछा गया कि कई बार उम्मीदवार इंटरव्यू के दौरान अपनी फेक पर्सनालिटी को दिखाने की कोशिश करते हैं, तो ऐसे में पैनल कैसे डील करता है।
इस पर उन्होंने कहा, "मुझे ऐसा लगता है 95% उम्मीदवार बोर्ड मेंबर्स के सामने फेक नहीं बन सकते। इसके दो कारण है। पहला कारण ये है कि उम्मीदवार इतने हाई प्रैशर जो में होते हैं और वह आपकी लाइफ का एकलौता मौका है, जो आपकी लाइफ चेंज कर सकता है। ऐसे में मुझे लगता है, उम्मीदवार इतने स्मार्ट होंगे कि वह झूठ बोलने का रिस्क नहीं लेते हैं।
दूसरा कारण ये है कि अगर आप झूठ बोल भी रहे हैं या पैनल को गुमराह करने की कोशिश करते हैं, तो बता दें, पैनल को इतना एक्सपीरियंस होता है, कि वो समझ जाते हैं कि उम्मीदवार झूठ बोल रहा है।"
क्या इंटरव्यू के दौरान बन सकते हैं फेक?
इस पर सोनाली खन्ना का कहना है कि, " यूपीएससी इंटरव्यू के दौरान उम्मीदवार बिल्कुल फेक बन सकते हैं। अगर आप बहुत स्मार्ट हैं। कुछ चीजें उम्मीदवारों को फेक करनी भी चाहिए, जैसे मान लीजिए आप शहर में ही पले- बढ़े हैं, आपको गांव का कोई आइडिया नहीं है, लेकिन इसका मतबल ये तो नहीं आप डिजर्व नहीं करते कि आप यूपीएससी क्लियर न करें।
ऐसे में बोर्ड पैनल आपसे गांव या ट्राइबल एरिया के बारे में प्रश्न पूछते तो इस पर उम्मीदवार अपनी संवेदनशीलता (Sensitivity) दिखा सकते हैं, जो उन्होंने किताबों से पढ़ी है।
ऐसे में उम्मीदवार कभी ट्राइबल एरिया में नहीं गया है, लेकिन किताबों के माध्यम से उन्हें पता है कि उनके फायदे के लिए कौनसी तीन चीजें सही रहेंगी। बिना गए किसी जगह के बारे में बताना, इतना फेक होना या झूठ बोलना ठीक है। वहीं दूसरी ओर उम्मीदवार बहुत जरूरत से ज्यादा झूठ बोलने लगते हैं, तो उनकी परेशानी बढ़ सकती है।
पैनल कैसे पकड़ता है फेक पर्सनालिटी वाले उम्मीदवारों को
सोनाली ने कहा, एक बोर्ड पैनल फेक पर्सनालिटी वाले उम्मीदवारों को पकड़ने के लिए देखता है कि उम्मीदवार कितना Integral और Consistent है।
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