JPSC PCS Prelims : झारखंड पीसीएस पीटी पेपर लीक के आरोप पर आया JPSC का बयान, जानें क्या कहा
झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने सोमवार को झारखंड संयुक्त असैनिक सेवा प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा का पर्चा लीक होने की बात से इनकार किया है। आयोग ने कहा कि जांच में वीडियो से लगाए आरोप गलत पाए गए।
झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने सोमवार को झारखंड संयुक्त असैनिक सेवा प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा का पर्चा लीक होने की बात से इनकार किया है। कहा कि तथाकथित वीडियो से जो आरोप लगाए गए हैं, जांच में गलत पाए गए। पूरे मामले में दोषियों की पहचान कर उनपर कठोर कार्रवाई के लिए जेपीएससी अध्यक्ष डॉ मेरी नीलिमा केरकेट्टा ने मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को पत्र लिखा है। जेपीएससी के सचिव अक्षय कुमार सिंह ने बताया कि सभी जिलों से जांच रिपोर्ट आ गयी है। पेपर लीक और वायरल वीडियो की प्रमाणिकता को सत्य नहीं पाया गया। उन्होंने कहा कि भ्रामक प्रचार करने वालों पर कठोर कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को पत्र लिखा गया है। देखें P08
झारखंड प्रतियोगिता परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अधिनियम, 2023 के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है। जेपीएससी की अध्यक्ष डॉ मेरी नीलिमा केरकेट्टा ने मुख्य सचिव को भेजे पत्र में लिखा है कि 17 मार्च को दो पालियों में राज्य के सभी 24 जिलों के 834 परीक्षा केंद्रों पर जेपीएससी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई। आयोग को परीक्षा केंद्रों से किसी प्रकार की असामान्य और अप्रिय घटना की सूचना प्राप्त नहीं हुई। कुछ इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में दो-तीन परीक्षा केंद्रों से अतथ्यात्मक वीडियो प्रसारित किया गया। परीक्षा के बाद सभी जिलों विशेषकर सोशल मीडिया में जिन जिलों से संबंधित दुष्प्रचार किया जा रहा था उन जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के संयुक्त रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि जो वीडियो इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में चलाये जा रहे थे वह पूर्णत गलत, भ्रामक और तथ्यों से परे थे। रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि जिला प्रशासन की ओर से संलिप्त असामाजिक तत्वों को चिन्हित करने का काम शुरू किया जा चुका है, जिससे इस प्रकार के कृत्यों पर अंकुश लग सके।
आयोग की छवि बिगाड़ने व छात्रों का मनोबल तोड़ने का प्रयास
जेपीएससी की अध्यक्ष डॉ मेरी नीलिमा केरकेट्टा ने लिखा कि असामाजिक तत्वों द्वारा जानबूझकर आयोग की छवि बिगाड़ने, परीक्षार्थियों का मनोबल तोड़ने और सरकार के प्रयासों को बाधित करने के लिए फर्जी वीडियो और अपुष्ट भ्रामक प्रमाणों के साथ प्रचार करने का प्रयास किया गया। इसे सरकार की छवि को भी धूमिल करने का षडयंत्र कहा जा सकता है। यह झारखंड प्रतियोगिता परीक्षा अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक दंडनीय अपराध है।
पर्चा लीक को ले हंगामा करने वालों पर प्राथमिकी
जेपीएससी की परीक्षा का बहिष्कार व उपद्रव करने के मामले में मिहिजाम थाने में दो एफआईआर दर्ज कराई गई है। एक एफआईआर में 20 अभ्यर्थियों को नामजद किया गया है। वहीं, दूसरी एफआईआर में बिनीत कुमार और 50 अज्ञात को आरोपी बनाया गया है।
मालूम हो कि रविवार को जेपीएससी पीटी के दौरान जनजातीय संध्या डिग्री कॉलेज व इंटर महाविद्यालय मिहिजाम केंद्र पर पर्चा लीक होने का आरोप लगा कर अभ्यर्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार और उपद्रव किया था। सोमवार को स्पेशल ब्रांच के डीएसपी स्तर के अधिकारी ने दोनों केंद्र पहुंचकर मामले की जानकारी ली। जनजातीय संध्या डिग्री कॉलेज के परीक्षा केंद्र में तैनात मजिस्ट्रेट एजाज हुसैन अंसारी के आवेदन पर मिहिजाम थाना में मामला दर्ज किया गया है।
जेपीएससी ने सरकार को की अनुशंसा
जेपीएससी ने सरकार को अनुशंसा की है कि जिला प्रशासन को विशेष निर्देश दिया जाए कि इस प्रकार के फर्जी वीडियो के प्रक्षेपण, प्रचार और प्रसार करने में संलिप्त व्यक्ति और व्यक्तियों के समूह को चिन्हित करके उन्हें उक्त अधिनियम के प्रावधानों के तहत कठोरतम सजा दी जाए। ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो और इस प्रकार के कुकृत्य में संलिप्तता का दुस्साहस न किया जा सके। साथ ही, अकारण आयोग और सरकार की छवि धूमिल करने व लाखों निष्ठावान छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का दुष्प्रयास करने वाले असामाजिक तत्त्वों पर अंकुश लगाया जा सके।
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