JPSC , JSSC : जेपीएसएसी और जेएसएससी के जाति प्रमाणपपत्र मामले में अभ्यर्थियों को नोटिस
जेएसएससी और जेपीएससी परीक्षा में जाति प्रमाण पत्र से संबंधित नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर कोर्ट ने वैसे अभ्यर्थियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया जिनकी नियुक्ति प्रभावित हो सकती है।
जेएसएससी और जेपीएससी परीक्षा में जाति प्रमाण पत्र से संबंधित शर्त और नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने गुरुवार को वैसे अभ्यर्थियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है जिनकी नियुक्ति इस मामले के आदेश से प्रभावित हो सकती है। इसके लिए आम सूचना जारी करने का निर्देश भी कोर्ट ने दिया है। मामले की अगली सुनवाई 27 जून को होगी। हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ जाति प्रमाणपत्र से संबंधित तीन बिंदुओं पर सुनवाई कर रही है। इस बेंच के पास जो तीन बिंदु सुनवाई के लिए है, उनमें है- क्या जेपीएससी या जेएसएससी की ओर से निर्धारित फॉर्मेट में ही जाति प्रमाण पत्र होना चाहिए।
विज्ञापन में दी गई अंतिम तिथि के बाद जारी जाति प्रमाणपत्र मान्य होगा या नहीं। सुप्रीम कोर्ट के राम कुमार जीजोरिया के मामले में दिया गया आदेश इस तरह के मामले में लागू होगा या नहीं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने इस मामले में तीन बिंदु निर्धारित करते हुए इसे वृहद पीठ में सुनवाई के लिए भेजा था। इस संबंध में डॉ नूतन इंदवार सहित 43 याचिकाएं दाखिल की गई हैं।
याचिका में कहा गया है कि जेएसएससी या जेपीएससी की परीक्षा के लिए जारी विज्ञापन की अंतिम तिथि तक जाति प्रमाणपत्र जारी होने की अनिवार्यता सही नहीं है। इसके अलावा जाति प्रमाणपत्र सिर्फ एसडीओ या डीसी के स्तर से ही जारी होने की शर्त लगाना भी गलत है। जेपीएससी की ओर से प्रिंस सिंह व राकेश चौधरी ने कोर्ट को बताया कि ऐसे एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि विज्ञापन की अंतिम तिथि तक जाति प्रमाणपत्र होना जरूरी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की वृहद पीठ ने ही फैसला सुनाया है।
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