जॉब और घर छोड़ बेटे के साथ कोटा शिफ्ट हुई मां, करा दिया जेईई मेन टॉप, बोलीं- डराती थीं छात्रों की खुदकुशी की खबरें
गुरुग्राम के रहने वाले 17 वर्षीय ईशान गुप्ता ने जेईई मेन परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप किया है। उनकी मां ने उनके साथ रहने के लिए गुरुग्राम में अपनी अच्छी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी और उनके साथ कोटा शिफ्ट हो
हरियाणा में गुरुग्राम के रहने वाले 17 वर्षीय ईशान गुप्ता ने जेईई मेन परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप किया है। वह 100 परसेंटाइल हासिल करने वाले देश भर के 23 होनहार छात्रों में से एक हैं। ईशान जेईई मेन की तैयारी के लिए कोटा चले गए थे। उनकी मां मीनाक्षी गुप्ता ने उनके साथ रहने के लिए गुरुग्राम में अपनी अच्छी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी। उन्होंने कहा, 'हम अप्रैल 2022 में यहां शिफ्ट हुए। उसके बाद ईशान कई बार बीमार पड़ा। मैं उस अहम समय में उसके साथ वहीं थी और इससे मुझे यह यकीन हो गया है कि मैंने कोटा शिफ्ट होकर सही कदम उठाया।'
ईशान गुप्ता को एलन इंस्टीट्यूट से 100 प्रतिशत छात्रवृत्ति मिली, जिसके कारण वह अपनी मां के साथ कैंपस में रह सकते थे।
जेईई मेन में ईशान का यह पहला प्रयास था। 100 परसेंटाइल पाने को लेकर वह अनिश्चित थे। उन्होंने कहा 'मुझे एक प्रश्न के कारण केमिस्ट्री में डाउट था। अपनी तैयारी और हल किए गए प्रश्नपत्रों के माध्यम से मुझे पता था कि मैं केमिस्ट्री में कुछ मूर्खतापूर्ण गलतियां कर सकता था। लेकिन मुझे खुशी है कि मैं उनसे छुटकारा पाने में सफल रहा।'
अपने परिवार में जेईई में बैठने वाले पहले शख्स बने ईशान के माता-पिता सीएस और सीए हैं। ईशान को 9वीं कक्षा के दौरान अपने दोस्तों से इंजीनियरिंग पेशे के बारे में पता चला। उन्होंने बताया, "मुझे गणित और फिजिक्स पसंद है, इसलिए इंजीनियरिंग को करियर विकल्प चुना।'
ईशान ने उस तरह से पढ़ाई नहीं की जैसा कि ज्यादातर जेईई टॉपर्स पढ़ते हैं। ईशान अपनी तैयारी के दौरान बहुत ज्यादा टाइट अनुशासन से नहीं बंधे। उन्होंने कहा, 'मेरे रोजाना की पढ़ाई के लिए कोई निश्चित बंधे बंधाए घंटे नहीं थे। सुबह में, मैंने अपने कोचिंग सेंटर में कक्षाओं में भाग लिया। फिर घर लौटकर लगभग 30 मिनट तक आराम करता था। इसके बाद, मैं अपनी सुबह की कक्षाओं के नोट्स को दोहराता था। अगर मेरे पास कुछ और समय और एनर्जी बची होती, तो मैं पिछले वर्षों के कुछ प्रश्न पत्रों और सैंपल पेपरों का अभ्यास करता था, ”उन्होंने कहा।
17 वर्षीय ईशान को कोटा में अपनी दो साल की यात्रा के दौरान कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। हालांकि, जो चीज उसे आगे बढ़ने में मदद करती रही वह था उसकी मां का सपोर्ट । हालांकि मां के लिए भी यह सब आसान नहीं था। उन्होंने कहा, 'जब मैं कोटा में छात्रों की आत्महत्या की दुर्भाग्यपूर्ण खबरें सुनती था तो बहुत डर लगता था। यह दुखद था क्योंकि ये मेरे बेटे की उम्र के किशोर थे जिन्होंने इस तैयारी में अपनी जान गंवा दी। मुझे भी इस बात पर संदेह था कि मेरा बेटा खुश है या नहीं, लेकिन मैंने उस पर और हमारे रिश्ते पर भरोसा किया। हम रोजाना हर मुद्दे पर चर्चा करते थे। जब भी वह चाहता था, मैंने उसे आराम करने के लिए पर्याप्त समय दिया और उसे हैरी पॉटर या मास्टरशेफ ऑस्ट्रेलिया जैसे मनोरंजन करने वाले शोज देखने से कभी नहीं रोका। ”
कैसे करते थे खुद को रिलेक्स
खाली समय में ईशान ने यह सुनिश्चित किया कि वह अपना समय ऐसी गतिविधियों में बिताएं जिससे उनके कौशल को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा, 'मैं यूट्यूब को छोड़कर किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं था। मैंने आराम करने के लिए कई अन्य मनोरंजक गतिविधियों का इस्तेमाल किया। सिंगिंग ने मेरे दिमाग को आराम देने में मदद की। रीजनिंग एबिलिटी के लिए शतरंज खेला। फिजिकल फिटनेस पर काम करने के लिए बैडमिंटन खेला। ईशान जेईई एडवांस 2024 की प्रैक्टिस के लिए जेईई मेन के दूसरे सत्र में भी बैठना चाहते हैं।
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