JEE Main : क्या हटेगा जेईई मेन का 75 प्रतिशत व 20 परसेंटाइल वाला क्राइटेरिया, कोर्ट में सुनवाई आज
बॉम्बे हाईकोर्ट आज जेईई मेन के 75 फीसदी और टॉप 20 परसेंटाइल एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा। यह मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में 31 नंबर पर सूचीबद्ध है।
बॉम्बे हाईकोर्ट आज इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन के 75 फीसदी और टॉप 20 परसेंटाइल एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा। यह मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में 31 नंबर पर सूचीबद्ध है। याचिका में स्टूडेंट्स ने मांग की है कि जेईई मेन के लिए 75 फीसदी और टॉप 20 परसेंटाइल पात्रता क्राइटेरिया को या तो खत्म किया जाए या फिर उसे कम करके 50 फीसदी किया जाए।
आपको बता दें कि एक बड़े बदलाव के तहत इस बार जेईई मेन में 2020 से पहले के 12वीं में 75 फीसदी मार्क्स वाले नियम को फिर से बहाल कर दिया गया है। कोरोना से पहले आईआईआईटी, एनआईआई व सीएफटीआई संस्थानों में एडमिशन के लिए 12वीं में कम से कम 75 फीसदी मार्क्स लाना अनिवार्य हुआ करता था। लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना के चलते यह शर्त हटा दी गई थी। लेकिन 2023 से इसे फिर से लागू कर दिया गया है। जेईई मेन के इस एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को लेकर स्टूडेंट्स, अभिभावकों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई। विवाद को बढ़ता देख केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जेईई मेन 2023 एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में बदलाव का फैसला किया। इसके बाद बदली गई गाइडलाइंस में कहा गया कि उम्मीदवारों के 12वीं बोर्ड एग्जाम में कम से कम 75 फीसदी नंबर होना चाहिए या फिर संबंधित बोर्ड एग्जाम रिजल्ट में टॉप 20 परसेंटाइल उम्मीदवारों में से एक होना चाहिए।
बदली गई गाइडलाइन्स से भी जेईई मेन उम्मीदवार नाखुश हैं। वह लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि टॉप 20 परसेंटाइल वाले एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में एकरूपता नहीं है और ये हर बोर्ड में अलग-अलग है।
याचिकर्ताओं का कहना है कि छात्रों को जेईई (मेन्स) सत्र- I और सत्र II परीक्षाओं के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला क्योंकि बोर्ड परीक्षाएं अप्रैल 2023 तक निर्धारित हैं। याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि एक उम्मीदवार को आईआईटी में एंट्री के लिए जेईई एडवांस्ड के लिए अधिकतम दो प्रयास मिलते हैं। कुछ स्टूडेंट्स का यह भी कहना है कि वर्ष 2022 के बोर्ड के 30:70 फॉर्मूले (इंटरनल असेसमेंट व थ्योरी मार्क्स फॉर्मूला) के कारण वह अच्छा स्कोर नहीं कर सके। इसलिए जिन लोगों ने पहले टर्म में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन दूसरे टर्म में नहीं, उन्होंने 75 फीसदी से भी कम अंक प्राप्त किए और बोर्ड में शीर्ष 20 पर्सेंटाइल में शामिल होने के योग्य नहीं हो सके। ऐसे में 75 फीसदी व 20 परसेंटाइल का नियम सही नहीं है।
जेईई मेन पेपर-1 अंडरग्रेजुएट इंजीनियरिंग प्रोग्राम जैसे एनआईटी, आईआईआईटी में बीई, बीटेक और अन्य केंद्रीय वित्तपोषित तकनीकी संस्थानों (सीएफटीआई) में प्रवेश के लिए आयोजित किया जाता है। जबकि जेईई मेन का पेपर दो देश में बी आर्क और बी प्लानिंग कोर्स में प्रवेश के लिए आयोजित किया जाता है।
जेईई मेन परीक्षाएं खत्म होने के बाद दोनों सत्रों के बेस्ट एनटीए स्कोर के आधार पर स्टूडेंट्स की रैंक जारी की जाएगी। जेईई मेन परिणाम में पहले 2,50,000 रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवार जेईई एडवांस टेस्ट के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। जेईई एडवांस के जरिए आईआईटी में दाखिला मिलता है। जेईई एडवांस्ड 2023 का आयोजन 4 जून को किया जाएगा और आवेदन की प्रक्रिया 30 अप्रैल से शुरू होगी।
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