JAC Board: सप्लीमेंट्री और कंपार्टमेंटल देने वाले छात्रों को मिलेगा वार्षिक परीक्षा का सर्टिफिकेट
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) मैट्रिक और इंटरमीडिएट के असफल और रिजल्ट सुधारने के लिए सप्लीमेंट्री, कंपार्टमेंटल या फिर नए सिरे से परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं को वार्षिक (एनुअल) परीक्षा का ही...
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) मैट्रिक और इंटरमीडिएट के असफल और रिजल्ट सुधारने के लिए सप्लीमेंट्री, कंपार्टमेंटल या फिर नए सिरे से परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं को वार्षिक (एनुअल) परीक्षा का ही सर्टिफिकेट मिलेगा। उनके सर्टिफिकेट पर ना तो सप्लीमेंट्री लिखा रहेगा और ना ही कंपार्टमेंटल। सभी में मैट्रिक या इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2021 लिखा रहेगा। झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने मैट्रिक और इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं को यह लाभ देने का निर्णय लिया है। शनिवार से मैट्रिक और इंटरमीडिएट के कंपार्टमेंटल, सप्लीमेंट्री, रिजल्ट सुधारने को लेकर और वैसे छात्र-छात्राएं जो रजिस्ट्रेशन करा कर आवेदन नहीं भर सके थे उनसे ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। मैट्रिक और इंटरमीडिएट 2021 की लिखित परीक्षा नहीं हो सकी थी, इसलिए इसके कंपार्टमेंटल और सप्लीमेंट्री की लिखित परीक्षा लेने के बावजूद उनके सर्टिफिकेट पर इसे अंकित नहीं किया जाएगा। ऐसे में छात्र-छात्राओं के पास होने पर उनके सर्टिफिकेट से साफ हो सकेगा कि उन्होंने एनुअल परीक्षा में ही सफलता पाई है। रिजल्ट सुधारने के लिए भी छात्र-छात्राएं आवेदन कर सकेंगे इसके लिए उन्हें अपना वर्तमान मार्कशीट जैक में जमा करना होगा और शपथ पत्र देना होगा कि लिखित परीक्षा में जो अंक उनका आएगा वही उनके लिए मान्य होगा।
जैक एक-एक को भेज रहा जवाब
मैट्रिक और इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट 5629 छात्र-छात्राओं और अभिभावकों ने जैक के ग्रिवांश सेल में आपत्ति जताई थे। जैक एक-एक कर सभी की आपत्तियों का निराकरण कर रहा है और उन्हें जवाब दे रहा है। इसमें छात्र-छात्राओं ने सवाल उठाया है कि 11वीं में वे पास थे लेकिन 12वीं में भी फेल हो गए हैं। इसी तरह 9वीं में भी प्रमोट किए गए लेकिन मैट्रिक में बिना परीक्षा के असफल हो गए। ऐसे में जब परीक्षा ही नहीं दी गई तो सभी को पास कर दिया जाए। अधिकांश आवेदकों ने परीक्षार्थियों को एक मौका देने की भी अपील की है ताकि वह सफल हो सकें। जैक छात्र-छात्राओं द्वारा दिए गए नौवीं-दसवीं और 11वीं-12वीं के मार्क्सशीट के आधार पर उन्हें उनके वास्तविक अंक भी बता रहा है कि नौवीं और 11वीं में पास करने के बावजूद वे 10वीं और 12वीं में क्यों फेल कर गए।
ऐसे फेल हुए छात्र
इंटरमीडिएट के 11वीं में शीतल को भौतिकी और रसायन शास्त्र में 21-21 नंबर आए थे। उन्हें 50 अंक में कुल 42 फ़ीसदी अंक मिले थे। 12वीं में दोनों पेपर की थ्योरी में 21-21 अंक ही मिल सके हैं, जबकि प्रैक्टिकल में 28 और 29 नंबर मिले हैं, इसके बावजूद वह फेल कर गई हैं। 11वीं में जो 21 अंक आए थे उसमें अधिकतम 10 अंक प्रैक्टिकल और इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर भी थे। ऐसे में स्कूलों ने प्रैक्टिकल और इंटरनल एसेसमेंट के 9 अंक दिए। ऐसे में 11वीं की 40-40 अंक की भौतिकी और रसायन शास्त्र के पेपर में शीतल को 12-12 अंक ही आ सके थे। 12वीं में 70 अंक पर उन्हें थ्योरी का नंबर देना था। ऐसे में 11वीं के आधार पर शीतल को दोनों ही पेपर में 21-21 अंक मिले। इंटरमीडिएट साइंस के थ्योरी पेपर में पास करने के लिए 33 प्रतिशत यानी 23 अंक लाना आवश्यक है। शीतल इन दोनों ही विषय में फेल कर गई।
तीन विषयों में फेल छात्र ही हुए ही असफल
- मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा में तीन विषयों में फेल छात्र-छात्राएं ही असफल हुए हैं। साथ ही, वैसे छात्र-छात्राएं भी असफल हुए हैं जो एक विषय में फेल हैं और उनके पांच अंक ग्रेस नंबर देने के बावजूद पास नहीं कर पाए या दो विषय में फेल हैं और 3-3 ग्रेस अंक देने के बावजूद पास नहीं कर सके।
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