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ITI : कोरोना ने बिहार सहित देश में लेट किया आईटीआई का सत्र, लाखों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में

कोरोना संकट ने आईटीआई का सत्र अनियमित कर दिया है। बिहार सहित पूरे देश में ऐसा हुआ है। सत्र पहले ही करीब छह महीने लेट हो चुका है, उस पर भी अधूरी परीक्षा ही कराई गई है। अभी तीन विषयों के दो पेपर होने...

Pankaj Vijay हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाFri, 4 Dec 2020 08:51 AM
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कोरोना संकट ने आईटीआई का सत्र अनियमित कर दिया है। बिहार सहित पूरे देश में ऐसा हुआ है। सत्र पहले ही करीब छह महीने लेट हो चुका है, उस पर भी अधूरी परीक्षा ही कराई गई है। अभी तीन विषयों के दो पेपर होने बाकी हैं। यदि यही हाल रहा तो मौजूदा सत्र एक साल पिछड़ सकता है।

आईटीआई की आधी अधूरी परीक्षा से लाखों विद्यार्थियों का भविष्य फिलहाल अधर में है। आईटीआई की परीक्षा 23 नवंबर को शुरू होकर दो दिसंबर को संपन्न हुई है। तय शेड्यूल के हिसाब से तो यह परीक्षा जून 2020 में होनी थी, लेकिन कोविड के कारण अभी नवंबर के अंत में कराई गई। दरअसल आईटीआई के कुल पांच विषयों की परीक्षा में चार पेपर लिए जाते हैं। इस बार सेल्फ सेंटर पर दो पेपर की परीक्षा ही कराई गई है। यह प्रैक्टिकल और इंजीनियरिंग ड्राइंग की थी। बाकी दो पेपर की परीक्षा का कोई अता पता नहीं है कि यह कब होंगी। अखिल भारतीय व्यावसायिक परीक्षा डीजीटी भारत सरकार द्वारा करायी जाती है। 

बिहार के आईटीआई छात्रों का दुर्भाग्य है कि वर्ष 2016 से 2019 तक किसी न किसी कारण से परीक्षा रद्द होती आई है या तकनीकी गड़बड़ी के कारण मार्कशीट में जीरो नंबर आया और विद्यार्थी फेल घोषित हुए। वर्ष 2016 से यहां सत्र लेट होने का जो सिलसिला शुरू हुआ तो वह 2017 और 2018 में भी जारी रहा। किसी का सत्र दो साल तो किसी का एक साल और 2018 वालों का अभी छह माह विलंब से चल रहा है। इससे करीब चार लाख छात्र प्रभावित हैं। 

प्राइवेट आईटीआई संघ ने लिखा पत्र
बिहार राज्य प्राइवेट आईटीआई प्रगतिशील संघ के महासचिव दीपक कुमार ने कहा कि राज्य निदेशालय के निर्देशानुसार राज्य के सभी प्राइवेट आईटीआई ने अपने-अपने केंद्र को परीक्षा केंद्र के रूप में सौंपने के लिए सारी अहर्ताओं को पूरा करते हुए आवश्यक कागजात निदेशालय को अक्टूबर, 2020 में ही सौंप दिये थे,  लेकिन सरकार ने सिर्फ दो पेपर की परीक्षा कराकर बाकी दो पेपर की परीक्षा को किन कारणों से पेंडिंग कर दिया यह समझ से परे है। दीपक कुमार ने कहा कि इस बाबत डीजीटी भारत सरकार को बाकी बचे दो पेपर को बिना देरी किये दिसंबर में ही कराये जाने का पत्र लिखा गया है।

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