आईपीयू शेष सीटों पर सीयूईटी से प्रवेश देगा
इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय ने अगले सत्र से कुछ बदलाव करने का फैसला लिया है। विश्ववविद्यालय ने कहा है कि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कराई जाने वाले कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से दाखिले के बाद सीटें बचती हैं जो
गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपीयू) नए शैक्षणिक सत्र में सबसे पहले कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) से छात्रों को दाखिला देगा। यदि इसके बाद सीटें बचती हैं तो उसे कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) से भरेगा। आईपीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एमबीए, बीटेक, मेडिकल आदि में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रवेश परीक्षाओं को प्राथमिकता दी जाती है। इसके बाद विश्वविद्यालय अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। अंत में सीयूईटी को दाखिला का आधार बनाया जाता है।
यूनिवर्सिटी के निदेशक (दाखिला) प्रो. उदयन घोष और परीक्षा नियंत्रक (द्वितीय) डॉ. एसएल भंडारकर ने बताया कि समस्त काउंसिलिंग को जुलाई तक पूरा करने का प्रयास है। अगस्त के प्रथम सप्ताह में अकादमिक सत्र शुरू कर सकते हैं। बता दें कि यूनिवर्सिटी हर साल अंडर ग्रेजुएट से पीएचडी लेवल तक लगभग सौ अकादमिक प्रोग्राम में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन करती है।
वहीं, दाखिला प्रक्रिया को तकनीकी रूप से सरल बनाने पर जोर दिया जा रहा है। प्रो. उदयन घोष ने बताया कि पोर्टल को आवेदकों के लिए सरल और सुगम बना रहे हैं, ताकि किसी को परेशानी का सामना न करना पड़े। आवेदन के अनावश्यक चरणों की संख्या भी कम की जा रही है। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी वेबसाइट पर दाखिले का एक आमुख पृष्ठ भी बना रहे हैं।
कैफे बगैर आवेदन कर सकेंगे कुलपति
कुलपति प्रो. डॉक्टर महेश वर्मा ने कहा कि हमारी कोशिश आवेदन की प्रक्रिया को इतना आसान बनाना है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के आवेदक भी बिना किसी साइबर कैफे की मदद से ऑनलाइन आवेदन कर सकें।
प्रमाणपत्र सत्यापन की प्रक्रिया आसान होगी
आरक्षित श्रेणी के आवेदकों के ऑनलाइन प्रमाणपत्र सत्यापन की प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाएगा। इसमें भी मौजूद कई तकनीकी जटिलताओं को दूर करने की कोशिश की जा रही है।
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