Hindi Newsकरियर न्यूज़Investigation is going on into the gang that cheats STET candidates by calling them there may be links to government employees

एसटीईटी अभ्यर्थियों को फोन कर ठगने वाले गिरोह से चल रही पूछताछ, सरकारी कर्मचारियों से जुड़े हो सकते हैं तार

एसटीईटी अभ्यर्थियों को ठगने की कोशिश में लगे गिरोह के कई लोग गिरफ्तार किए गए हैं। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई अपराधियों से पूछताछ कर रही है। आशंका है आरोपियों से सरकारी कर्मचारियों के तार जुड़े

Alakha Ram Singh हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाSat, 30 Sep 2023 07:17 AM
share Share

एसटीईटी अभ्यर्थियों को फोन कर ठगने वाले गिरोह के चार शातिरों को आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम ने गिरफ्तार किया है। टीम ने गुरुवार की शाम को नवादा जिले शाहपुर ओपी क्षेत्र में छापेमारी कर शिशुपाल कुमार, कन्हैया प्रसाद, मोमो की दुकान चलाने वाले श्याम सुंदर उर्फ बिट्टू और कृष्ण मुरारी को गिरफ्तार किया है। ये सभी शाहपुर और पास के पार्वती गांव के रहने वाले हैं। इनके पास से 11 मोबाइल फोन, 5 लाख 50 हजार रुपये कैश, एसटीईटी परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की सूची (इसमें इनके रोल और मोबाइल नंबर दोनों मौजूद हैं) और लोन देने के लिए लोगों को फोन करने वालों की लिस्ट शामिल है। साइबर ठगी के इस संगठित गिरोह को शिशुपाल कुमार और कन्हैया प्रसाद चलाता था। ये दोनों नवादा के शाहपुर के ही रहने वाले हैं।

शातिर एसटीईटी अभ्यर्थियों को फोन कर बताते थे कि उनके नंबर कम आ रहे हैं। अगर वे नंबर बढ़वाना चाहते हैं तो इसके लिए पैसे देने होंगे। इसके अलावा यह गिरोह कई लोगों को लोन दिलाने के नाम पर भी फोन कर ठगता था।

ईओयू ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में 9 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। इसमें 4 की गिरफ्तारी हो चुकी है। शेष फरार चल रहे अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। फरार चल रहे नामजद अभियुक्तों में सुबोध राउत, चंदन कुमार, इसी शहर में फर्जी सिम बेचने वाला नेहा टेलीकॉम का मालिक गौतम शाह, प्रियांशु कुमार एवं हिमांशु कुमार शामिल हैं। अब तक की जांच में यह भी पता चला कि कई दूसरे राज्यों में भी इस साइबर ठग गिरोह ने अपना जाल फैला रखा था और दूसरे राज्यों के लोगों से भी ठगी की थी। फिलहाल इसकी जांच चल रही है। संबंधित राज्यों को भी इनकी गिरफ्तारी के बारे में सूचना दी जाएगी।

परीक्षार्थियों का विवरण कहां से मिला, चल रही जांच
पूरे मामले में सबसे अहम यह है कि इन ठगों के पास परीक्षार्थियों का पूरा विवरण कहां से आया। सभी का मोबाइल फोन, रोल नंबर समेत अन्य डिटेल वाली सूची इन्हें कहां से मिली, इसकी गहन तफ्तीश ईओयू कर रहा है। इसमें सरकारी महकमों के कर्मियों की मिलीभगत भी हो सकती है। गिरफ्तार ठगों से ही इसके बारे में पूछताछ चल रही है। सूची का स्रोत पता चलने पर ईओयू बड़ी कार्रवाई कर सकता है।
 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें