रोजगारपरक कोर्स करने में छात्राओं की रुचि बढ़ी, यूजीसी के निर्देश में चल रहे एड ऑन कोर्स
बदलते समय के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी कई बदलाव दर्ज किए गए हैं। रोजगार देने वाले संस्थानों की औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा देने के लिए कॉलेज स्तर पर ऐसे कई कोर्स कराए जा रहे हैं। मुख्य
बदलते समय के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी कई बदलाव दर्ज किए गए हैं। रोजगार देने वाले संस्थानों की औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा देने के लिए कॉलेज स्तर पर ऐसे कई कोर्स कराए जा रहे हैं। मुख्य विषय के अलावा यूजीसी के निर्देश पर कॉलेजों में रोजगारपरक एड ऑन कोर्स पढ़ाए जा रहे हैं। कौशल विकास के साथ ही छात्र-छात्राओं को स्वरोजगार पैदा करने के लिए तैयार किया जा रहा है। रोजगारपरक कोर्स करने में छात्राओं की रुचि बढ़ती जा रही है। राजधानी के महिला कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं का ऐसे कोर्स करने के प्रति पिछले कुछ वर्षों में रुझान बढ़ा है।
वर्तमान में पटना वीमेंस कॉलेज में भी 17 क्रेडिट आधारित एड-ऑन कोर्स चलाए जा रहे हैं। वहीं 6 सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स और एडवांस डिप्लोमा कोर्स चलाए जा रहे हैं। इसमें वस्त्र अलंकरण एवं होम फैशन कोर्स, एप्लाइड योगा, ट्रैवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट, वीमेंस स्टडीज, लैंग्वेज कोर्स (फ्रेंच लैंग्वेज, कोरियन लैंग्वेज, जर्मन लैंग्वेज) आदि कई तरह के कोर्स चलाए जा रहे हैं। ट्रैवल एंड टूरिज्म, वस्त्र अलंकरण एवं होम फैशन, लैंग्वेज कोर्स और एप्लाइड योगा कोर्स में छात्राओं की अधिक रुचि है।
हर वर्ष विभिन्न संकायों में नामांकन लेने वाली छात्राएं सबसे अधिक ट्रैवल एंड टूरिज्म, लैंग्वेज कोर्स और वस्त्र अलंकरण एंड होम फैशन कोर्स में नामांकन लेती हैं। कॉलेज से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले वर्ष वस्त्र अलंकरण, ट्रैवल एंड टूरिज्म और कोरियन लैंग्वेज एंड कल्चर कोर्स के लिए विभिन्न संकायों की लगभग 350 छात्राओं ने आवेदन दिया था। लेकिन कोर्स में सीट के अनुसार पहले आओ पहले पाओ के आधार पर नामांकन हुआ। कॉलेज के इतिहास विभाग के प्रथम वर्ष की छात्रा अंकिता ने बताया कि उन्होंने वस्त्र अलंकरण का सर्टिफिकेट कोर्स किया। कहा कि वह आगे चलकर अपना एक बुटीक खोलेंगी। इसमें दूसरों को भी रोजगार देंगी। वाणिज्य संकाय की सुरभि सिंह ने बताया कि उन्होंने प्रथम वर्ष में ट्रैवल एंड टूरिज्म एड ऑन कोर्स में नामांकन लिया। कहा कि आगे वह इसमें डिप्लोमा और एडवांस डिप्लोमा भी करेंगी। इससे वह पर्यटक मार्गदर्शक के क्षेत्र में भी अपना करियर बना सकेंगी।
क्या हैं फायदे?
- एड ऑन कोर्स कम अवधि के होते हैं
- संकाय का कोई बंधन नहीं होता
- स्वरोजगार भी कर सकते हैं
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