बिहार के विश्वविद्यालयों में गेस्ट टीचरों की बनेगी वेटिंग लिस्ट, प्रति क्लास के मिलते हैं 1500 रुपये
बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की प्रतीक्षा सूची बनेगी। शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों की कक्षाएं बाधित नहीं हों, इसी मकसद से शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है।
बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की प्रतीक्षा सूची बनेगी। शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों की कक्षाएं बाधित नहीं हों, इसी मकसद से शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है। इसको लेकर विभाग की ओर से सभी विश्वविद्यालयों को दिशा-निर्दश जारी किया गया है। मालूम हो कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में नियमित पदों पर शिक्षकों के आधे से अधिक पद रिक्त हैं। इसको देखते हुए विश्वविद्यालयों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अतिथि शिक्षकों की सेवा लें। विश्वविद्यालय के कुलपति के माध्यम से अतिथि शिक्षकों का चयन होता है। कई बार ऐसा होता है कि अतिथि शिक्षक उपस्थित नहीं होते हैं, अथवा सेवा नहीं दे पाते हैं।
ऐसे में नये अतिथि शिक्षकों के चयन में विलंब होता है। इसको देखते हुए ही विभाग ने निर्णय लिया है कि अतिथि शिक्षकों की प्रतीक्षा सूची बनेगी। जरूरत के हिसाब से प्रतीक्षा सूची में शामिल अतिथि शिक्षकों की सेवा ली जा सकेगी। इसको देखते हुए विभाग ने यह फैसला लिया है। इससे शिक्षकों की कमी से पढ़ाईबाधित होने की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। मालूम हो कि अतिथि शिक्षकों को प्रति कक्षा 1500 रुपये दिये जाते हैं। अतिथि शिक्षक को महीने में अधिकतम 50 हजार का भुगतान किया जा सकता है।
राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में 2400 से अधिक शिक्षकों की सेवा ली जाती है। इनमें सबसे अधिक करीब 800 अतिथि शिक्षक ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में रखे गये हैं। वहीं, पटना विश्वविद्यालय, भीमराम आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर और वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा में दो सौ से अधिक अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं।
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