IIT Bomaby: नाम भी नहीं बताया और IIT Bombay को चुपके से दिए 160 करोड़ रुपए Donation
कहा जाता है कि दान इस प्रकार से किया जाना चाहिए कि एक हाथ से दान किया जाए तो दूसरे हाथ को पता भी न चल पाए, कुछ ऐसा ही कर दिखाया है आईआईटी बॉम्बे के एक पूर्व छात्र ने। अपना नाम बताए बिना आईआईटी बॉम्बे
कहा जाता है कि दान इस प्रकार से किया जाना चाहिए कि एक हाथ से दान किया जाए तो दूसरे हाथ को पता भी न चल पाए, कुछ ऐसा ही कर दिखाया है आईआईटी बॉम्बे के एक पूर्व छात्र ने। अपना नाम बताए बिना आईआईटी बॉम्बे के एक स्टूडेंट ने 160 करोड़ का दान किया है। इस पूर्व छात्र ने इच्छा जाहिर की है कि उसके इस गिफ्ट को लेकर पूरी तरह से प्राइवेसी रखी जाए।आईआईटी बॉम्बे के डायरेक्टर सुभाशीष चौधरी ने बताया कि मंदिर में हमने एक हुंडी रखी हुई है, जिसमें लोग अपनी इच्छा से दान कर जाते हैं, लेकिन पहली बार हमें इतनी बड़ी रकम मिली प्राइवेट दान में मिली है।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका में यह आम बात है, लेकिन भारत में अभी तक किसी यूनिवर्सिटी को इतनी रकम प्राइवेट दान में नहीं मिली है, जहां दान देने वाला अपनी पहचान नहीं बताना चाहता है। अब इन पैसों का सही जगह और सही काम के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। टाइम्स ऑफ इंडिया वेबसाइट के मुताबिक यह डोनेशन ग्रीन एनर्जी एंड सस्टेनेबल रिसर्ट हब बनाने के लिए दिया गया है। इसके एक भाग का इस्तेमाल नई बिल्डिंग इंफ्रास्ट्रक्टर बनाने और इसका लॉयन शेयर रिसर्च के लिए रखा जाएगा।
आपको बता दें कि यह डोनेशन ऐसे समय आई है जब इंस्टीट्यूट बजट कट कर रहा है और हायर एजुकेशन फाइनेंशियल एजेंसी से लोन ले रहा है। आपको बता दें कि इससे पहले हाल ही में इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि ने भी आईआईटी बॉम्बे को 315 करोड़ रुपये दान में दिया था। नंदन नीलेकणि आईआईटी बॉम्बे के ही पूर्व छात्र हैं। उन्होंने यहां से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी।
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