सत्र में देरी से 50 हजार छात्रों ने बीच में छोड़ा विश्वविद्यालय, IGNOU में ले लिया एडमिशन
बीआरएबीयू, मुजफ्फरपुर में सत्र की देरी से पिछले पांच वर्षों में लगभग 50 हजार छात्रों ने बीच में ही विश्वविद्यालय छोड़ दिया। इन छात्रों ने पार्ट वन में दाखिला तो लिया लेकिन परीक्षा देने नहीं आये।
बीआरएबीयू, मुजफ्फरपुर में सत्र की देरी से पिछले पांच वर्षों में लगभग 50 हजार छात्रों ने बीच में ही विश्वविद्यालय छोड़ दिया। इन छात्रों ने पार्ट वन में दाखिला तो लिया लेकिन परीक्षा देने नहीं आये। विवि से जुड़े लोगों ने बताया कि इन छात्रों ने इग्नू में दाखिला ले लिया। इस वर्ष सत्र 2021-24 में भी बीआरएबीयू में एक लाख 14 हजार 206 छात्रों ने दाखिला लिया था लेकिन 97 हजार 716 छात्रों ने ही परीक्षा दी। यानी 16 हजार 490 छात्रों ने परीक्षा नहीं दी। सत्र 2020-23 में एक लाख पांच हजार 578 छात्रों ने दाखिला लिया । परीक्षा देने 88 हजार 373 छात्र आये। इस सत्र में भी 17 हजार 205 छात्र विवि से गायब हो गये। सत्र 2019-22 में भी एक लाख 20 हजार छात्रों ने दाखिला लिया था और 15 हजार छात्र परीक्षा देने नहीं आये थे। परीक्षा नियंत्रक डॉ टीके डे का कहना है कि कई छात्र दूसरी जगह तैयारी करने चले जाते हैं इसलिए वे परीक्षा नहीं दे पाते हैं।
एक वर्ष देर चल रहा स्नातक और पीजी का सत्र
बीआरएबीयू में स्नातक और पीजी का सत्र एक वर्ष देर चल रहा है। बिहार विवि में सत्र 2019-22 की कॉ पियों की जांच चल रही है। पीजी का सत्र नामांकन से ही देर चल रहा है। अभी सत्र 2021-23 के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा हुई लेकिन अब तक रिजल्ट जारी नहीं हुआ है। पीजी सत्र 2020-22 के फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा ली जानी है। इसके साथ सत्र 2021-23 की तीन समेमेस्टर की परीक्षा होनी है। पीजी में अभी सत्र 2023-25 में एडमिशन होना चाहिए लेकिन अभी पीजी सत्र 2022-24 में दाखिला लिया जायेगा।
परीक्षा नहीं होने से नौकरी के अवसर छूटे
परीक्षा नहीं होने से छात्रों की कई नौकरियों के अवसर भी छूट गये हैं। पार्ट थ्री का रिजल्ट नहीं निकलने से सत्र 2019-22 के छात्र बीएड प्रवेश परीक्षा का फॉर्म नहीं भर सके। इसके अलावा बीपीएससी का फार्म भरने से भी बिहार विवि के छात्र वंचित रह गये। हाल में एसबीआई ने भी कई रिक्तियां निकाली हैं। इन रिक्तियों पर आवेदन करने के लिए 30 अप्रैल तक रिजल्ट जारी हो जाना चाहिए लेकिन विवि में अब तक कॉपियों की जांच पूरी नहीं हुई है।
200 छात्रों ने पीएचडी भी छोड़ दी
स्नातक के अलावा बीआरएबीयू से 200 छात्रों ने अपनी पीएचडी भी छोड़ दी है। ये छात्र रजिस्ट्रेशन कराने के पांच वर्ष तक विभाग नहीं आये। इसके बाद इनके रजिस्ट्रेशन को रिजेक्ट कर दिया। बिहार विवि के शिक्षकों ने बताया कि साइंस में रिसर्च के बेहतर संसाधन नहीं होने से छात्र विश्वविद्यालय से पलायन कर गये।
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