Hindi Newsकरियर न्यूज़IERT : student campus placement Graph dropped with faculty students are not interested in taking admission

IERT : फैकल्टी संग गिरा प्लेसमेंट का ग्राफ, छात्र कर रहे किनारा

एशिया का पहला इंजीनियरिंग डिप्लोमा संस्थान आईईआरटी आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। वर्षों से शिक्षकों की भर्ती न होने से संस्थान में 81 फीसदी शिक्षकों के पद रिक्त हैं। आईईआरटी सरीखे संस्थान जहां...

Pankaj Vijay अनिकेत यादव, प्रयागराजFri, 16 July 2021 10:35 AM
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एशिया का पहला इंजीनियरिंग डिप्लोमा संस्थान आईईआरटी आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। वर्षों से शिक्षकों की भर्ती न होने से संस्थान में 81 फीसदी शिक्षकों के पद रिक्त हैं। आईईआरटी सरीखे संस्थान जहां पहले डिप्लोमा इंजीनियरिंग के छात्रों के हाथ में पढ़ाई पूरी होने से पहले दो-दो या तीन-तीन नौकरियां होती थीं वहीं मौजूदा दौर में कई छात्र कैंपस चयन की बाट जोह रहे हैं। पहले संस्थान के डिप्लोमा इंजीनियरिंग ब्रांच में प्रवेश लेने के लिए छात्रों की मारा-मारी होती थी। धीरे-धीरे आवेदकों की संख्या में कमी हो रही है।  संस्थान में शिक्षकों के स्वीकृत पद 176 हैं। जिसमें 144 पद रिक्त हैं। जबकि 32 शिक्षक ही कार्यरत हैं। अतिथि प्रवक्ताओं के सहारे तकनीकी शिक्षा का संचालन हो रहा है। शैक्षिक सत्र 2019-20 में 60 फीसदी छात्रों का ही प्लेसमेंट हुआ था।
 
मौजूदा सत्र के लिए अभी तक 45 फीसदी छात्रों को नौकरी मिल सकी है। आवेदन की बात करें शैक्षिक सत्र 2019-20 में तकरीबन 12 हजार छात्रों ने प्रवेश के लिए आवेदन किया था। वहीं, शैक्षिक 2020-21 में लगभग 8 हजार ने फार्म भरा था।
     
नए सत्र में प्रवेश के लिए 8 जून से आवेदन प्रारंभ है। अब तक लगभग 5500 छात्रों ने ऑनलाइन फार्म भरा है। आवेदन की अंतिम तिथि 22 जुलाई है। अब सात दिन ही शेष है। 24 और 27 अगस्त को प्रवेश परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। 

संस्थान की 1955 में हुई थी स्थापना 
1955 में सिविल इंजीनियरिंग स्कूल ‘इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी’ नामक एक सोसायटी ने शुरू किया गया था। न्यायमूर्ति शंकर सरन और विश्वामित्र क्रमश: अध्यक्ष और सचिव रहे। यह एशिया में शुरू होने वाला पहला पॉलिटेक्निक संस्थान था। 1962 में उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘इलाहाबाद पॉलिटेक्निक, इलाहाबाद’ नामक एक पंजीकृत सोसायटी का गठन करके इस संस्थान को अपने कब्जे में ले लिया। 1982 में प्रदेश सरकार ने ‘इलाहाबाद पॉलिटेक्निक’ का नाम बदलकर ‘इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड रूरल टेक्नोलॉजी’ कर दिया।

डॉ. विमल मिश्र (निदेशक, आईईआरटी) ने कहा, संस्थान में शिक्षकों की कमी है। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्राविधिक शिक्षा निदेशालय कानपुर की ओर से प्रस्ताव मांगा है। निदेशालय से अनुमति मिलने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कोरोना के चलते आवेदकों और प्लेसमेंट पर असर पर पड़ा।   

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