घर पर नहीं थी बिजली, पेरेंट्स नहीं दे सके स्कूल फीस, फिर ऐसे ये शख्स बने IAS अधिकारी, UPSC में आई थी तीसरी रैंक
UPSC टॉपर आईएएस अधिकारी गोपालकृष्णन रोनांकी ने साल 2016 में यूपीएससी परीक्षा में एआईआर 3 हासिल की थी। बता दें, उन्होंने एक ऐसे माहौल में पढ़ाई की थी, जहां काफी लंबे समय तक बिजली नहीं थी। आइए जानके हैं
UPSC success story: यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए उम्मीदवारों को कड़ी मेहनत से गुजरना पड़ता है। वहीं ये मेहनत उस वक्त और मुश्किल हो जाती है, जब घर में पर्याप्त संसाधन न हो।
आज हम आपको आंध्र प्रदेश के एक दूरदराज के गांव के एक किसान के बेटे गोपाल कृष्ण रोनांकी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने यूपीएससी 20216 की परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल किया था।
एक समय था जब गोपाल कृष्ण रोनांकी के माता-पिता, रोनांकी अप्पा राव और रुक्मिनाम्मा, जो अक्सर खेतों में काम करते थे, उनके पास घर पर बिजली भी नहीं थी और बेटे को प्राइवेट स्कूल में भेजने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। आइए विस्तार से जानते हैं IAS अधिकारी गोपाल की कहानी के बारे में।
IAS अधिकारी बनने से पहले गोपाल कृष्ण रोनांकी एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। उनका परिवार श्रीकाकुलम जिले के पलासा ब्लॉक के परसाम्बा गांव का है।
उनके माता-पिता इतने गरीब थे कि वे उनके पास उन्हें प्राइवेट स्कूलों में भेजने तक के पैसे नहीं थे। पहले ऐसा कहा जाता था कि अगर बच्चा प्राइवेट स्कूलों में पढ़ता है तो उसकी इंग्लिश अच्छी हो जाती है, लेकिन आज गोपाल ने इस बात को गलत साबित कर दिया है। भले ही वह प्राइवेट स्कूल में नहीं पढ़े, लेकिन उन्होंने एक सरकारी स्कूल में दाखिला ले लिया था।
गोपाल ने सरकारी जूनियर कॉलेज, पलासा में मैथेमेटिक्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री के साथ अपना इंटरमीडिएट कक्षा पूरी की थी। कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने दो साल के लिए टीचर ट्रेनिंग कोर्स किया। कोर्स पूरा होने के बाद वह साल
2006 में एक सरकारी शिक्षक के रूप में चुने गए थे। गोपाल ने एक इंटरव्यू में बताया, "घर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी। ऐसे में मेरी पहली प्राथमिकता नौकरी लेना था, ताकि घर का खर्च चल सके और अपने खर्चे खुद उठा सकूं"
एक माध्यमिक ग्रेड स्कूल शिक्षक के रूप में, उन्होंने ने आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। गोपाल ने कहा नौकरी मिलने के बाद मेरा लक्ष्य यूपीएससी की परीक्षा को क्लियर कर IAS अधिकारी बनना था। ग्रेजुएशन के दौरान ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी।
बता दें, गोपाल ने स्कूली शिक्षा तेलुगु माध्यम से पूरी की थी। इसलिए उन्होंने यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर तेलुगु लिटरेचर को चुना था।
गोपाल के माता-पिता को अपने बेटे के सपने और उनके प्रयासों के बारे में पता नहीं था। बता दें, कक्षा 12वीं के पास होने के तक उनके घर में बिजली भी नहीं थी, लेकिन फिर उन्होंने अपनी शिक्षा को लेकर समझौता नहीं किया था। गोपाल के माता - पिता नहीं जानते थे कि बेटा यूपीएससी की तैयारी कर रहा है, वह केवल इतना जानते थे कि उनका बेटा स्कूल में शिक्षक है।
गोपाल ने एक इंटरव्यू में बताया, जब यूपीएससी की रिजल्ट आया और इस बात की खबर माता- पिता को दी तो वह बहुत खुश हुए थे। रिजल्ट जारी होने के बाद मैंने उन्हें बताया था कि मेरा चयन IAS के पद के लिए हो गया है और मैं जल्द ही कलेक्टर बन जाऊंगा''
IAS गोपाल ने ऐसे की थी UPSC तैयारी
आईएएस गोपाल कृष्ण रोनांकी के अनुसार, अपने द्वारा बनाए गए सभी नोट्स परीक्षा के आखिरी दिनों में आपकी मदद कर सकते हैं। इसी के साथ उन्होंने सलाह दी कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले उम्मीदवार हमेशा याद रखें कि अपने संसाधन सीमित रखें और करेंट अफेयर्स के लिए नियमित रूप से न्यूज पेपर और मैगजीन पढ़ें।
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