Hindi Newsकरियर न्यूज़high court lucknow bench cancelled the mandate related to administrative post to professor from other state

यूपीः संजय गांधी पीजीआई में दूसरे प्रदेशों के प्रोफेसरों से संबंधित शासनादेश खारिज

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार के उस शासनादेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें संजय गांधी पोस्ट गेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में दूसरे प्रदेश के प्रोफेसरों के पद को एक्स काडर पोस्ट घोषित...

विधि संवाददाता लखनऊThu, 9 May 2019 11:18 PM
share Share

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार के उस शासनादेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें संजय गांधी पोस्ट गेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में दूसरे प्रदेश के प्रोफेसरों के पद को एक्स काडर पोस्ट घोषित करते हुए, उन्हें प्रशासनिक पद दिये जाने पर रोक लगा दी थी। न्यायालय ने उक्त शासनादेश व इससे सम्बंधित मुख्य सचिव के एक आदेश को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत करार दिया।

CGBSE 12th Result 2019: कल यहां चेक करें सबसे पहले रिजल्ट, ये रहे Direct Link

नौ साल पहले जारी शासनादेश को चुनौती मिली
यह न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल सदस्यीय पीठ ने डॉ. नारायन प्रसाद की सेवा सम्बंधी एक याचिका पर पारित किया। याचिका में कहा गया था कि वर्ष 2003-04 के एक विज्ञापन के द्वारा क्लिनिकल इल्युनोलॉजी में सहायक प्रोफेसर के पदों पर आवेदन आमंत्रित किये गए थे। जिसके क्रम में याची की नियुक्ति आरक्षित कैटगरी में वर्ष 2004 में हुई। बाद में प्रोन्नति पाते हुए, वह एसोसिएट प्रोफेसर, एडीश्नल प्रोफेसर व प्रोफेसर बने। इस दौरान विधान सभा में दूसरे प्रदेशों के लोगों का आरक्षित कैटगरी में नियुक्ति से सम्बंधित एक प्रश्न उठा। जिस पर जवाब देने के लिए राज्य सरकार ने एसजीपीजीआई-एमएस से जवाब मांगा। तब संस्थान ने यह कहते हुए, याची व दूसरे प्रदेश के अन्य असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्तियों का बचाव किया कि विशेषज्ञ पदों पर अन्य योग्य उम्मीदवार नहीं उपलब्ध थे।

CGBSE 10th Result 2019: कल यहां चेक करें सबसे पहले रिजल्ट, ये रहे Direct Link

इस मामले में बाद में पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी हस्तक्षेप किया। जिसके बाद 15 अक्टूबर 2010 को राज्य सरकार ने शासनादेश पारित करते हुए, याची समेत आठ सहायक प्रोफेसरों के पदों को एक्स काडर पोस्ट घोषित कर दिया। जिसके क्रम में संस्थान के निदेशक ने 15 सितम्बर 2016 को एक निर्देश जारी करते हुए कहा कि इन एक्स काडर पद के प्रोफेसरों को आगे कोई वरिष्ठता व प्रशासनिक पद नहीं दिये जाएंगे। मामला मुख्य सचिव के पास भी गया। उन्होंने भी 15 अक्टूबर 2010 के शासनादेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया। याचिका में उक्त तीनों ही आदेशों को चुनौती दी गई थी। न्यायालय ने उक्त आदेशों को खारिज करते हुए, इन्हें प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों व सम्बंधित कानूनों के विपरीत करार दिया। न्यायालय ने याची को वरिष्ठता और प्रशासनिक पद दिये जाने से वंचित न रखने के भी निर्देश दिये।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें