हाईकोर्ट : संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में पीएचडी कोर्स के साक्षात्कार पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में पीएचडी कोर्स 2021-22 के साक्षात्कार पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। कोर्ट ने विश्वविद्यालय के निदेशक रिसर्च व विभागाध्यक्ष हरिप्रसाद अधिकारी पर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में पीएचडी कोर्स 2021-22 के साक्षात्कार पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। कोर्ट ने विश्वविद्यालय के निदेशक रिसर्च व विभागाध्यक्ष हरिप्रसाद अधिकारी पर लगे भाई भतीजावाद के गंभीर आरोपों पर जवाब भी मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने प्रांजल पांडेय व 13 अन्य की याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने याची को निर्देश दिया है कि हरिप्रसाद अधिकारी को याचिका में पक्षकार बनाया जाए और उन्हें नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। याची का कहना है कि संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में पीएचडी कोर्स के लिए आयोजित परीक्षा में निदेशक हरिप्रसाद अधिकारी के पुत्र व पुत्री ने सर्वाधिक 170 और 168 अंक अर्जित किए और परीक्षा में टॉप पर रहे जबकि अन्य किसी छात्र को 160 अंक से अधिक नहीं मिले। यह भी बताया गया कि हरिप्रसाद अधिकारी 13 अप्रैल 2022 को आयोजित परीक्षा में इनविजिलेटर भी नियुक्त किए गए थे। संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हरिप्रसाद अधिकारी के दोनों पुत्र व पुत्री बहुत ही मेधावी विद्यार्थी हैं और मात्र उनका पुत्र व पुत्री होने से वह इस परीक्षा के लिए अयोग्य नहीं हो जाते हैं।
याची ने उन दोनों के पूर्व के शैक्षणिक रिकॉर्ड नहीं लगाए हैं जबकि उनके पुराने शैक्षणिक रिकॉर्ड से भी स्पष्ट है कि दोनों बेहद मेधावी विद्यार्थी हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि हरि हरिप्रसाद अधिकारी पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं इसलिए उन्हें याचिका में पक्षकार बनाया जाए और विश्वविद्यालय व हरिप्रसाद अधिकारी अपना जवाब दाखिल करें। इस बीच 10 अगस्त 2022 को जारी परीक्षा परिणाम के परिप्रेक्ष्य में कोई साक्षात्कार आयोजित नहीं किया जाएगा।
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