Hindi Newsकरियर न्यूज़HBSE BSEH: Haryana Board first showed failure to girl students got 60-60 marks in rechecking

HBSE BSEH : हरियाणा बोर्ड ने पहले छात्राओं को दिखाया फेल, रीचेकिंग में मिले 60-60 अंक

हरियाणा विद्यालय बोर्ड का कारनामा- कन्या राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक नाथूसरी कलां स्कूल की कुछ छात्राओं को जहां पहले फेल दिखा दिया, लेकिन दोबारा पेपर चैक करवाने पर उन्हीं छात्राओं के 80 में से 60 नंबर मिले

एजेंसी सिरसाSat, 29 July 2023 10:55 AM
share Share

हरियाणा विद्यालय बोर्ड अपनी रिजल्ट संबंधी कारस्तिानियों को लेकर अक्सर चर्चा में रहता है। बोर्ड का एक और कारनामा सामने आया है, जिसमें कन्या राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक नाथूसरी कलां स्कूल की कुछ छात्राओं को जहां पहले फेल दिखा दिया, लेकिन दोबारा पेपर चैक करवाने पर उन्हीं छात्राओं के 80 में से 60 नंबर मिले। बोर्ड की इस लापरवाही पर स्कूल प्रिंसिपल सतबीर सिंह ने  एक पत्र शिक्षा बोर्ड के सचिव को प्रेषित किया है, ताकि लापरवाही बरतने वाले अध्यापक पर कार्रवाई की जा सके। 

प्रिंसिपल सतबीर सिंह के अनुसार मार्च, 2023 की परीक्षा के दौरान गांव नाथूसरी कलां के कन्या राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की कक्षा 12वीं में 73 छात्राओं ने परीक्षा दी थी, जिसमें अंग्रेजी विषय में आठ विद्यार्थियों की रि-अपीयर आई थी। परन्तु विद्यालय के कुछ विद्यालय परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं थे। आठ में से छह छात्राओं ने अंग्रेजी विषय में पुनर्मूल्यांकन करवाने हेतु आवेदन किया था। जिन विद्यार्थियों ने आवेदन किया था उन सभी के पुनर्मूल्यांकन के अंकों में अकल्पनीय वृद्धि हुई। पहले परिणाम में छात्रा संतोष के शून्य नंबर दिखाए गए, जबकि दोबारा चैक करवाने पर 34, शर्मिला के पहले दो और अब 28, प्रियंका के पहले 13 और अब 52, तसलीम के पहले 15 और अब 44, प्रीति के पहले 27 और अब 60 व सोमती के पहले 28 और अब 60 अंक दर्शाए गए हैं। इसके अतिरक्ति विद्यालय की दो ऐसी छात्राएं, जो अंग्रेजी विषय में कम्पार्टमेंट के बावजूद आर्थिक तंगी के कारण पुनर्मूल्यांकन हेतु आवेदन नहीं कर पाई, जिनमें भतेरी जिसके चार अंक व रीतू के 16 अंक दर्शाए गए हैं। 

प्रिंसिपल सतबीर सिंह ने कहा कि प्राथमिक रिजल्ट से प्रतीत होता है कि मूल्यांकन के दौरान छात्राओं की प्रतिभा को अनदेखा करके भारी अनियमितता बरती गई है एवं छात्राओं के साथ अन्याय किया गया है। अध्यापक की लापरवाही के कारण छात्राओं को मानसिक परेशानी का सामना भी करना पड़ा है और वे एवं उच्च शक्षिा के लिए कॉलेज में दाखिले से भी वंचित रह गई। प्रिंसिपल ने बोर्ड के सचिव से आग्रह किया कि वे स्वत: इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए पुनर्मूल्यांकन से वंचित गरीब छात्राओं की उत्तर पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन करवाकर उन्हें न्याय दिलवाएं एवं मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वाले अध्यापक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें