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Har Ghar Tiranga 2023: जानें तिरंगा फहराने के 20 अहम नियम, अपमान पर हो सकती है जेल

Independence Day 2023 , Har Ghar Tiranga 2023: अगर आप भी अपने घर में तिरंगा लगाने और फहराने जा रहे हैं तो आपको इससे जुड़े कायदे-कानून जान लेने चाहिए। इसके अपमान पर आपको जेल भी हो सकती है।

लाइव हिन्दुस्तान नई दिल्लीMon, 14 Aug 2023 07:55 AM
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Independence Day 2023 , Har Ghar Tiranga 2023: पिछले साल की तरह इस साल भी सरकार का हर घर तिरंगा अभियान जारी है। सरकार ने देशवासियों से हर घर तिरंगा अभियान में हिस्सा लेने की अपील की गई है। पीएम मोदी ने जनता से तिरंगे के साथ अपनी फोटो और वीडियो को हर घर तिरंगा वेबसाइट पर पोस्ट करने के लिए कहा है। 13 अगस्त से शुरू हुआ यह अभियान 15 अगस्त 2023 तक जारी रहेगा। जब विविधताओं से भरे देश में अलग अलग संस्कृति, वेशभूषा, खानपान, भाषा बोलने वाले लोग एक ही ध्वज तले एक ही राष्ट्रगान गाते हैं तो हमारी एकता व अखंडता का अहसास होता है। अगर आप भी अपने घर में तिरंगा लगाने और फहराने जा रहे हैं तो आपको इससे जुड़े कायदे-कानून जान लेने चाहिए। इसके अपमान पर आपको जेल भी हो सकती है। भारत सरकार ने तिरंगा फहराने को लेकर कुछ नियम भी तय कर रखे हैं। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के सम्मान के लिए इन नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002' (भारतीय ध्वज संहिता) नाम के एक कानून में तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं। 

जानें तिरंगा रखने और उसे फहराने के 20 नियम
1. खुले में 24 घंटे तक तिरंगा फहरा सकते हैं। जहां भी तिरंगा फहराया जाएगा, उसे पूरे सम्मान के साथ फहराएं। तिरंगे को पानी में नहीं भिगोना है, न ही किसी भी प्रकार इसे क्षति पहुंचानी है। ध्यान दें कि तिरंगे में केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होनी चाहिए। तिरंगा आधा झुका, कटा और फटा नहीं होना चाहिए। इसे विधिवत ही फहराना होगा।

2. पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की अनुमति नहीं थी। लेकिन अब हाथ या मशीन से बना हुआ कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना तिरंगा भी अपने घर पर फहराया जा सकता है। 

3. सरकार ने तिरंगे को किसी भी वक्त फहराने की अनुमति दे दी। अब इसे दिन रात 24 घंटे फहराया जा सकता है। इससे पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी। 

4. झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। 

5. इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए।

6. अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।

7. तिरंगा कभी भी फटा या मैला-कुचैला नहीं फहराया जाना चाहिए। 

8. तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता।

9. किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को छूना नहीं चाहिए।

10. किसी अन्य झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा नहीं रख या लगा सकते। जब किसी अन्य झंडे के साथ फहरा रहे हों, यह ध्यान रखना चाहिए कि तिरंगे की ऊंचाई सबसे ऊपर हो।

11. झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। 

12. झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है।

13. झंडा अगर फट जाए या फिर मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से नष्ट करना चाहिए।

14. तिरंगे को अपने पास पूरे सम्मान के साथ तह लगाकर रखना है। न फेंकना है न ही क्षति पहुंचानी है।

15. तिरंगा समय के साथ हवा से या किसी अन्य कारण गंदा हो जाए या फट जाए तो ऐसी स्थिति में निस्तारण बहुत ही सावधानी से करना है- 

निस्तारण के दो तरीके

1.गाइडलाइन के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज के निस्तारण के दो तरीके हैं। एक दफन करना और दूसरा जलाना। बेहद गंदे या किसी कारण फट गए राष्ट्रीय ध्वज को दफन करने के लिए लकड़ी का ही बॉक्स लेना होगा। इसमें तिरंगे को सम्मानपूर्वक तह लगाकर रखना होगा। फिर बहुत ही साफ स्थल पर जमीन में दफन करना होगा। इसके बाद उस स्थान पर दो मिनट तक मौन खड़े रहना होगा।

2.दूसरा तरीका जलाने की है। इसके लिए साफ स्थान पर लकड़ी रखकर उसमें आग लगानी होगी। अग्नि के मध्य में इसे सम्मानपूर्वक तह लगाकर डालना होगा। किनारे से नहीं। नियम इसलिए बनाए गए हैं क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज हमारा गर्व है।

16. क्या झंडा गाड़ियों में लगाया जा सकता है?
झंडा किसी भी गाड़ी में नहीं लगाया जाना चाहिए। कुछ विशिष्ट लोगों के वाहनों को छोड़कर किसी भी गाड़ी में झंडा नहीं लगाया जा सकता है। सिर्फ राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, उपराज्यपाल, राज्यमंत्री. लोकसभा स्पीकर, राज्यसभा के उप सभापति, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश, हाईकोर्ट के जज की गाड़ियों पर लगाया जा सकता है।

17. झंडा कौन फहरा सकता है?
झंडा फहराने पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। यह आम लोगों, निजी संस्थान, शैक्षणिक संस्थान या अन्य के द्वारा फहराया जा सकता है। यह झंडे का सम्मान करते हुए किसी भी दिन, किसी भी समारोह में फहराया जा सकता है।

18. राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी पोशाक या वर्दी या किसी पहनावे के रूप में नहीं किया जाएगा।

19.इसका उपयोग कोई वस्तु या किसी को भी लपेटने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

20. झंडे को फहराते हुए केसरिया रंग हमेशा ऊपर रखना चाहिए। वर्टिकली फहराने पर केसरिया रंग झंडे के संदर्भ में दाहिनी तरफ होनी चाहिए।

तिरंगे में मौजूद केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है, सफेद रंग शांति और सच्चाई का प्रतीक है, जबकि हरा रंग संपन्नता का प्रतीक होता है। अशोक चक्र धर्मचक्र का प्रतीक है। तिरंगे को पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था।

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