अतिथि शिक्षकों को 8 तक ही वेतन, 20 हजार गेस्ट टीचर पर पड़ेगा असर
कोरोना वायरस से बचाव के लिए घोषित बंदी के बीच सभी शैक्षणिक संस्स्थान बंद 20 मार्च से बंद हैं। हालांकि इस अवधि में शिक्षा निदेशालय की तरफ से नियमित समेत अतिथि शिक्षकों को भी अप्रैल तक वेतन जारी किया...
कोरोना वायरस से बचाव के लिए घोषित बंदी के बीच सभी शैक्षणिक संस्स्थान बंद 20 मार्च से बंद हैं। हालांकि इस अवधि में शिक्षा निदेशालय की तरफ से नियमित समेत अतिथि शिक्षकों को भी अप्रैल तक वेतन जारी किया गया है, लेकिन शिक्षा निदेशालय के नए आदेश के तहत अब अतिथि शिक्षकों को 8 मई तक ही वेतन मिलेगा।
अतिथि शिक्षक संघ ने विरोध जताया : इस संबंध में अखिल भारतीय अतिथि शिक्षक संघ ने उपमुख्यममंत्री को पत्र लिखकर कोरोना से उपजे हालातों के सामान्य होने तक वेतन जारी करने की मांग की है। संघ के पदाधिकारी शोएब राणा के मुताबिक, इस फैसले से कई अतिथि शिक्षकों के सामाने रोजी-रोटी का सकंट आ खड़ा हो जाएगा।
परिवार की है जिम्मेदारी : पत्र में संघ ने कहा है कि कई अतिथि शिक्षक ऐसे हैं, जो परिवार में कमाने वाले एक मात्र सदस्य हैं।इससे उनकी परेशानी बढ़ सकती है। राणा के मुताबिक पूर्व में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान निदेशालय अतिथि शिक्षकों को अतिरिक्त कक्षाओं समेत मिशन बुनियाद, मूल्यांकन जैसी गतिविधियों के लिए बुलाता था। अतिथि शिक्षक अवकाश के दौरान भी सेवा में बने रहते थे और उन्हें वेतन मिलता था, बंदी के दौरान का पूरा वेतन मिलना चाहिए।
शिक्षा निदेशालय के इस फैसले से अतिथि शिक्षकों में मायूसी है। निदेशालय के इस फैसले का असर 20 हजार अतिथि शिक्षकों पर पड़ने जा रहा है। हालांकि निदेशालय जारी आदेश में स्पष्ट किया है कि अगर ग्रीष्मकालीन अवकाश अवधि के दौरान निदेशालय या स्कूल अतिथि शिक्षकों को सेवा के लिए बुलाते हैं, तो उस दिन का वेतन जारी किया जाएगा, लेकिन शिक्षा निदेशालय के इस हालिया आदेश से अतिथि शिक्षकों के बीच निराशा है।
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