UBSE Results: उत्तराखंड बोर्ड में पहाड़ के मुकाबले पिछड़ जाते हैं मैदान के छात्र
उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं के नतीजे आज यानि मंगलवार को आ रहे हैं। उत्तराखंड बोर्ड में पहाड़ के मुकाबले के मुकाबले मैदानी जिलों के छात्रों का प्रदर्शन खराब रहता है। पिछले साल की बात करें तो...
उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं के नतीजे आज यानि मंगलवार को आ रहे हैं। उत्तराखंड बोर्ड में पहाड़ के मुकाबले के मुकाबले मैदानी जिलों के छात्रों का प्रदर्शन खराब रहता है। पिछले साल की बात करें तो हरिद्वार और देहरादून जिले का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। जबकि पहाड़ के जिलों की अपेक्षा मैदान के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है। स्टूडेंट्स इस लिंक पर जाकर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं।
ज्यादातर शिक्षक मैदानी इलाकों में तैनाती के लिए मंत्री और अधिकारियों के चक्कर काटते रहते हैं। फिर भी प्रदर्शन के हिसाब से मैदानी जिलों के स्कूल पिछड़ जाते हैं। इस बार भी मैदानी जिलों के स्कूलों के प्रदर्शन पर सबकी नजर रहेगी। पिछले साल यानि 2016 के परीक्षाफल में हाईस्कूल में 82.89 फीसदी के साथ रुद्रप्रयाग और इंटर में 86.56 फीसदी के साथ बागेश्वर प्रदेश में पहले स्थान पर रहे थे। दोनों ही पहाड़ी जिले में हैं। इसमें रुद्रप्रयाग गढ़वाल मंडल तो बागेश्वर कुमाऊं मंडल का जिला है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि उत्तराखंड के यह दोनों जिले आपदा प्रभावित हैं। इसके बावजूद भी यहां के छात्रों का प्रदर्शन शानदार रहता है।हाईस्कूल में पौड़ी गढ़वाल दूसरे, बागेश्वर 79.56 फीसदी परीक्षाफल के साथ तीसरे, पिथौरागढ़ जिला 78.91 फीसदी के साथ चौथे स्थान पर रहा था। देहरादून जिला 78.31 फीसदी रिजल्ट के साथ पांचवें स्थान पर था। जबकि इंटर में पिथौरागढ़ दूसरे और देहरादून दसवें स्थान पर रहा था।
सरस्वती विद्या मंदिर का रहता है दबदबा
उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की मेरिट हर साल सरस्वती विद्या मंदिर के छात्रों का दबदबा रहता है। पिछले साल सरकारी स्कूलों की तुलना में सरस्वती विद्या मंदिर के बच्चे छाए रहे।
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