Hindi Newsकरियर न्यूज़Good news: Recruitment will be done soon for 6000 posts of physical teachers in Bihar preparation will start

अच्छी खबर: बिहार में शारीरिक शिक्षकों के 6000 पदों पर जल्द होगी भर्ती, तैयारी शुरू

बिहार के 8386 मध्य विद्यालयों में से तकरीबन 6000 स्कूलों में रिक्त एक-एक शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक के पदों पर बहाली होगी। इसके लिए शिक्षा विभाग का प्राथमिक शिक्षा निदेशालय नये सिरे से जल्द आ

Alakha Ram Singh पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरोFri, 4 Nov 2022 10:08 PM
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बिहार के 8386 मध्य विद्यालयों में से तकरीबन 6000 स्कूलों में रिक्त एक-एक शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक के पदों पर बहाली होगी। इसके लिए शिक्षा विभाग का प्राथमिक शिक्षा निदेशालय नये सिरे से जल्द आवेदन मांगेगा। प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से सोमवार, 7 नवम्बर तक रिक्त रह गये पदों की रिपोर्ट मांगी है। जिलों को रिक्ति का ब्योरा नियोजन इकाईवार एवं कोटिवार देना होगा।

इसी साल के आरंभ में शिक्षा विभाग ने 8386 मध्य विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशकों के एक-एक पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन मांगा था। इन अनुदेशकों को 8 हजार रुपए मासिक मानदेय पर रखा जाना है। हर साल 200 रुपए वेतनवृद्धि का भी प्रावधान है। मई में हुए नियोजन की रिपोर्ट जिलों से प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को मिल चुकी है। 8386 पदों में से महज 2350 पर ही नियुक्ति की सूचना जिलों ने दी है। समीक्षा में यह स्पष्ट हुआ है कि अधिकतर नियोजन इकाइयों में पद रिक्त रह गये हैं और वहां कोई आवेदन भी उपलब्ध नहीं है। 2019 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक पद पर बहाली के लिह पात्रता परीक्षा ली थी। इसमें तकरीबन 3500 ही सफल हो सके थे। अब यदि 2300 नियुक्त हो चुके हैं तो 1200 ही पात्र अभ्यर्थी मौजूद हैं। प्राथमिक निदेशालय द्वारा नवम्बर में ही दुबारा आवेदन लेने की तैयारी है। इस तरह सभी 1200 अभ्यर्थियों की नियुक्ति तय है। 

कई जिलों की सीटें बाहरी से भर गईं, कई जिलों में आवेदन ही नहीं
अप्रैल-मई में शारीरिक अनुदेशकों की चली बहाली प्रक्रिया की समीक्षा के दौरान स्पष्ट हुआ है कि यूपी समेत निटकवर्ती राज्यों के सफ‌ल अभ्यर्थियों से सीवान, गोपालगंज, बक्सर, आरा, औंगाबाद, कैमूर, रोहतास आदि की सीटें भर गई हैं। वहीं खगड़िया, किशनगंज, पूर्णिया, बांका, भागलपुर आदि में आवेदन ही नहीं पड़े। दरअसल इसकी एक वजह कम मानदेय होना भी है, जिससे कोई भी अभ्यर्थी दूर-दराज के जिलों में पदस्थापित होना नहीं चाहता। नये सिरे से आवेदन लेने से अभ्यर्थी अपनी पसंद के मध्य विद्यालय में अब नियोजित हो सकेंगे।

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