Gandhi Jayanti Speech In Hindi : गांधी जयंती पर दें यह दमदार भाषण, खूब बजेंगी तालियां
Gandhi Jayanti Speech In Hindi: गांधी जयंती पर स्कूल व कॉलेज में स्पीच, निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित किये जाती हैं। अगर आप स्पीच देने की योजना बना रहे हैं तो नीचे दिए गए उदाहरण से आइडिया ले सकते हैं।
Gandhi Jayanti Speech In Hindi : हर साल देश में 2 अक्टूबर महात्मा गांधी के जन्मदिवस को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। गांधी जी भारत के स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख चेहरे थे। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में आज महात्मा गांधी को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी जी की महत्वपूर्ण भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती को पूरा देश राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाता है। इस दिन पूरे देश में अवकाश होता है। गांधी जयंती हमें बापू के आदर्शों की याद दिलाती है। गांधी जी की विचारों से केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लाखों लोग प्रभावित हैं और उनसे प्रेरणा लेते रहे हैं। आजीवन अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने वाले बापू ने संपूर्ण मानव जाति को न सिर्फ मानवता का पाठ पढ़ाया बल्कि जिंदगी जीने का सही तरीका भी सिखाया। यही वजह है कि दुनिया भर में 2 अक्टूबर गांधी जयंती को 'अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है।
महात्मा गांधी की 154वीं जयंती पर भाषण नीचे दिया गया है। छात्र इस भाषण को अपने अनुसार स्कूल के फंक्शन में सुना सकते है या निबंध लेखन प्रतियोगिता में इस्तेमाल कर सकते है।
गांधी जयंती पर भाषण ( Gandhi Jayanti Speech ) इस प्रकार है-
आदरणीय शिक्षक गण, प्रिंसिपल सर और मेरे साथियों...
आज गांधी जयंती के अवसर पर हम सब यहां एकत्रित हुए हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। हमारा देश उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है। लोग उन्हें प्यार से बापू कहते थे। गांधी जी देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने के अपने अहिंसक तरीकों के लिए जाने जाते हैं। गांधी जयंती को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
गांधीजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई ब्रिटिश शासित भारत में पूरी की और फिर इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई करने चले गए। दक्षिण अफ्रीका में कानून का अभ्यास करने के बाद वह 1915 में भारत लौट आए और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बन गए। उन्होंने अपनी बेहतरीन नेतृत्व क्षमता से आजादी के आंदोलन में जबरदस्त जान फूंक दी। उन्होंने चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष करते हुए महात्मा गांधी ने इस बात को सिद्ध किया कि सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
गांधी जी ने शराब का विरोध किया। गांधी जी चाहते थे समाज में किसी के साथ धर्म व जाति के आधार पर भेदभाव न हो। सबके साथ समान व्यवहार हो। महिलाओं का सम्मान हो। सबको न्याय मिले। गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई। उन्होंने हरिजन उत्थान के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दिया। वह खुद हरिजन बस्ती में रहने लगे थे। हरिजनों को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए उन्होंने काफी प्रयास किए। गांधी जी ने भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओं के प्रेम करना सिखाया। विदेशी वस्त्रों की होली जलवाई। नतीजतन स्वदेशी उद्योग धंधों का बढ़ावा मिला।
वैसे तो गांधी जयंती पर बापू को याद करने के लिए देश भर में कार्यक्रम होते हैं लेकिन प्रमुख कार्यक्रम दिल्ली के राजघाट पर होता है। राजघाट गांधी जी का समाधि स्थल है। गांधी जयंती पर देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य नेतागण राजघाट आकर बापू की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। प्रार्थना सभा में राम धुन व गांधी जी के प्रिय भजनों खासतौर पर ‘रघुपति राघव राजाराम’ का गान होता है।
साथियों उन्होंने सिर्फ आजादी की लड़ाई ही नहीं लड़ी बल्कि भारत को आत्मनिर्भर होने का रास्ता भी दिखाया। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और रहेंगे। दोस्तों आज गांधी के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लेने का दिन है। गांधी जी के आदर्शों को जीवन में उतारने का प्रण लेना चाहिए। हमें भारत सरकार ने स्वच्छता अभियान से जुड़ना चाहिए। अपने आस पड़ोस को साफ रखकर हम इसे सफल बना सकते हैं। स्वच्छता के लिए श्रमदान हम सबकी जिम्मेदारी है। सरकार ने 1 अक्टूबर को बड़े स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाने के लिए 'एक तारीख, एक घंटा, एक साथ' अभियान छेड़ा। लेकिन हमें स्वच्छता को अपनी आदत में शुमार करना चाहिए। स्वच्छ भारत एक साझा जिम्मेदारी है। यह अभियान सिर्फ एक दो दिन की बात न हो बल्कि लगातार हमें इसे जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। घर, पास-पड़ोस, बाजारों, रेलवे स्टेशनों, पर्यटन स्थलों समेत तमाम सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ रखने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।
अब मैं अपने भाषण पर विराम लगाना चाहूंगा। आपने मुझे अपने विचार रखने का मौका दिया, इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
जय हिंद। जय भारत। भारत माता की जय।
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