Hindi Newsकरियर न्यूज़Gandhi Jayanti Speech 2023: easy speech on Mahatma Gandhi Jayanti 2 October bhashan gandhiji Slogan

Gandhi Jayanti Speech today: गांधी जयंती पर यह आसान Speech आपको देगी दिलाएगी सभी की तारीफ

उन्होंने लोगों को खुद पर भरोसा रखने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने असहयोग आंदोलन शुरू किया जिसमें उन्होंने भारतीयों से अंग्रेजों के साथ सहयोग न करने और अपनी स्वतंत्रता

Anuradha Pandey लाइव हिंदुस्तान टीम, नई दिल्लीMon, 2 Oct 2023 07:08 AM
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Gandhi Jayanti Speech today: गांधी जयंती पर यह आसान Speech आपको देगी दिलाएगी सभी की तारीफ

गांधी जयंती पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन लोग गांधी जी की सीखों को याद करते हैं। इस दिन स्कूल कॉलेजों में गांधी जी के जीवन से जुड़े मूल्यों को याद किया जाता है और इस पर वाद-विवाद प्रतियोगिताएं और भाषण प्रतियोगिताएं होती हैं। अगर आप भी ऐसे ही किसी भाषण प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं, तो यहां हम आपको शार्ट पर गांधी पर भाषण दे रहे हैं, जिसे सुनाकर आप सभी की तारीफ बटोर सकते हैं। इसके अलावा हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अच्छी स्पीच लिख सकते हैं। अपने भाषण की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले अभिवादन से करेंगे, जैसे आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्रिय सहपाठी, और इसके बाद गांधी जी के किसी विचार को बोलते हुए गांधी जयंती का महत्व बताएंगे। यहां हम आपको गांधी जयंती पर छोटा सा भाषण दे रहे हैं, जिसे सुनाकर आप प्रतियोगता जीत सकता हैं। 

सुप्रभात सभी को, आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों। आज हम सभी यहां महात्मा गांधी की जयंती मनाने के लिए आए हैं। हमारे सभी के बापू यानी मोहनदास कर्मचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात पोरबंदर में हुआ था। आज "राष्ट्रपिता" मोहनदास करमचंद गांधी की 154वीं जयंती है, भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में उनकी भूमिका को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उनकी अंग्रेजों से लड़ाई का जरिया था 'अहिंसा', इसी के जरिए उन्होंने अग्रेजों से भारत को आजादी दिलाई। न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनके सम्मान में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जून, 2007 को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया। अपने पूरे जीवन में गांधीजी के जीवन से कई लोग प्रेरणा लेते हैं। उनके सिद्धांत आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। उन्होंने स्वराज, अस्पृश्यता के खिलाफ, महिलाओं के अधिकारों और किसानों की आर्थिक भलाई के लिए अथक प्रयास किया। उनके समर्पण और संघर्ष के कारण भारत को 200 वर्षों के ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी मिली।

गांधीजी की पढ़ाई यूके और साउथ अफ्रीका में भी हुई। 1888 में, उन्होंने यूके में कानून की पढ़ाई पूरी की और बाद में कानून का अभ्यास करने के लिए दक्षिण अफ्रीका चले गए।  गांधीजी की महानता का अंदाजा आप यहीं से लगा सकते हैं कि उन्होंने भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए खुद खादी की धोती पहनना शुरू किया। 930 में, उन्होंने नमक पर ब्रिटिश एकाधिकार का विरोध करने के लिए 400 किलोमीटर पैदल चलकर दांडी मार्च या नमक सत्याग्रह शुरू किया। भारत छोड़ो आंदोलन अंग्रेजों को भारत छोड़ने का आह्वान था।

इसी के साथ मैं गांधी जो नमन करते हुए अपने भाषण को समाप्त करता हूं, जय हिंद, जय भारत

 

 

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