Gandhi Jayanti Speech : गांधी जयंती पर दें यह छोटा और सरल भाषण, मिलेगा इनाम
Gandhi Jayanti Speech : गांधी जी ने न सिर्फ देश के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी, बल्कि समाज सुधार के कार्य भी किए। गांधी जयंती के अवसर पर स्कूली बच्चे नीचे दिया गया है भाषण दे सकते हैं।
Gandhi Jayanti Speech 2023: 2 अक्टूबर का दिन देश में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और राजनेता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। देश के लोगों ने उन्हें बापू कहकर पुकारा। देशभर में गांधी जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय अवकाश होता है। महात्मा गांधी के बलिदान और देश को आजादी कराने में उनके बेहद महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें राष्ट्रपिता का ओहदा दिया गया है। गांधी जी ने न सिर्फ देश के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी, बल्कि समाज सुधार के कार्य भी किए। गांधी जयंती के दिन बापू द्वारा दी गई शिक्षाओं को याद करने के लिए देशभर में और पूरे विश्व में कई कार्यक्रम होते हैं। स्कूल-कॉलेजों में इस दिन वाद विवाद, भाषण व निबंध प्रतियोगिताएं होती हैं। अगर आप भी भाषण व निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाह रहे हैं तो यहां से आइडिया ले सकते हैं।
Gandhi Jayanti Speech 2023: 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर भाषण
सभी आदरणीय अध्यापक गण और प्यारे मित्रों, आप सबको मेरा प्रणाम
दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने गांधी जी के बारे में कहा था कि “भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को इस बात पर विश्वास करने में मुश्किल होगी कि हाड़-मांस से बना ऐसा कोई व्यक्ति भी कभी धरती पर आया था।” आज 2 अक्टूबर को उसी करिश्माई नेतृत्व एवं शानदार व्यक्तित्व वाले, महान स्वतंत्रता सेनानी और 19वीं सदी के सबसे सम्मानित राजनेता महात्मा गांधी की जयंती है। पूरा देश महात्मा गांधी की जयंती पर उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि दे रहा है। आजादी में उनके संघर्ष को याद कर रहा है। हम सब भी यहां गांधी जयंती के अति महत्वपूर्ण दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए है। मैं भी गांधी को नमन करता हूं और उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 को हुआ। लोग उन्हें आदर के साथ बापू कहकर बुलाते थे। भारत सरकार ने आज के दिन को राष्ट्रीय पर्व घोषित किया हुआ है। महात्मा गांधी की ताकत सत्य और अहिंसा के सिद्धांत थे। सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर उन्होंने आजादी की लड़ाई में कई आंदोलन किए और अंग्रजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। उनके चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी सत्याग्रह, भारत छोड़ा आंदोलन ने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव कमजोर करने में बड़ा रोल अदा किया।
गांधी जी के पास अद्भुत नेतृत्व क्षमता थी। गांधी जी ने विचारों ने भारत के देशभक्तों की दो पीढ़ियों को प्रेरित किया, नतीजतन लोग आजादी की लड़ाई से जुड़ते रहे। उन्होंने अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व व विचारों से स्वतंत्रता आंदोलन को जबरदस्त धार दी। गांधी जी समाज में फैली बुराइयों जैसे छुआछूत, शराब, जातीय भेदभाव, असमानता, महिलाओं के साथ भेदभाव के भी घोर विरोधी थी। उन्होंने सिर्फ आजादी की ही लड़ाई नहीं लड़ी बल्कि समाज में दलितों की स्थिति बेहतर करने व उन्हें बराबरी का हक दिलाने के लिए भी लड़ाई लड़ी। दलित आंदोलन किया। छुआछूत के खिलाफ जबरदस्त आवाज उठाई।
उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया, यही वजह है कि पूरा विश्व आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी मनाता है। महात्मा गांधी की महानता, उनके कार्यों व विचारों के कारण ही 2 अक्टूबर को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दिया गया है। वह कहते थे कि आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देगी।
वैसे तो गांधी जयंती पर बापू को याद करने के लिए देश भर में कार्यक्रम होते हैं लेकिन प्रमुख कार्यक्रम दिल्ली के राजघाट पर होता है। राजघाट गांधी जी का समाधि स्थल है। गांधी जयंती पर देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य नेतागण राजघाट आकर बापू की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। प्रार्थना सभा में राम धुन व गांधी जी के प्रिय भजनों का गान होता है।
बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व का मार्गदर्शन करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे। अपने और समाज के भीतर बदलाव लाकर ही हम शांतिपूर्ण व न्यायपूर्ण समाज का निर्माण कर पाएंगे। हमें गांधीजी के संदेशों को समझकर, उसका अर्थ जानकर अनुसरण करना चाहिए। गांधी दर्शन भारत और वैश्विक समस्याओं के हल में काफी प्रासंगिक है और भविष्य में भी रहेगा। आइए हम गांधीवादी मूल्यों को अपने जीवन और कार्यों में उतारने का साझा संकल्प लें।
जय हिंद। जय भारत। भारत माता की जय।
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