Gandhi Jayanti Speech : गांधी जयंती पर दें ये पॉवरफुल स्पीच, जल्दी से हो जाएगी याद
Gandhi Jayanti Speech: गांधी जयंती के अवसर पर स्कूल व कॉलेज में स्पीच, निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित किये जाती हैं। अगर आप स्पीच तैयार करना चाहतें है तो हम आपके लिए एक उदाहरण लेकर आए हैं।

Gandhi Jayanti 2022: प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर महात्मा गांधी के जन्मदिवस को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसे पूरा देश राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाता है। इस दिन पूरे देश में अवकाश होता है।
गांधी जयंती हमें बापू के आदर्शों की याद दिलाती है। गांधी जी की विचारों से केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लाखों लोग प्रभावित हैं और उनसे प्रेरणा लेते रहे हैं। गांधी जयंती के दिन बापू को स्मरण करने के लिए देश भर में कार्यक्रम होते हैं। उनके अनुशासित व संयमित जीवन पर प्रकाश डाला जाता है और उनके संघर्ष व विचारों के बारे में बताया जाता है। हर तरफ उनके प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजाराम’ की आवाजें सुनाई देती है। गांधी जयंती के अवसर पर स्कूल व कॉलेज में स्पीच, निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित किये जाती हैं। गांधी जयंती के लिए अगर आप कोई स्पीच, भाषण व निबंध तैयार करना चाहतें है तो हम आपके लिए एक उदाहरण लेकर आए हैं।
गांधी जयंती पर भाषण ( Gandhi Jayanti Speech ) इस प्रकार है-
आदरणीय शिक्षक गण और मेरे साथियों...
आज गांधी जयंती के अवसर पर हम सब यहां एकत्रित हुए हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। हमारा देश उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है। लोग उन्हें प्यार से बापू कहते थे। गांधी जी देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने के अपने अहिंसक तरीकों के लिए जाने जाते हैं। गांधी जयंती को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
गांधीजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई ब्रिटिश शासित भारत में पूरी की और फिर इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई करने चले गए। दक्षिण अफ्रीका में कानून का अभ्यास करने के बाद वह 1915 में भारत लौट आए और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बन गए। उन्होंने अपनी बेहतरीन नेतृत्व क्षमता से आजादी के आंदोलन में जबरदस्त जान फूंक दी। उन्होंने चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया।
गांधी जी ने शराब का विरोध किया। गांधी जी चाहते थे समाज में किसी के साथ धर्म व जाति के आधार पर भेदभाव न हो। सबके साथ समान व्यवहार हो। महिलाओं का सम्मान हो। सबको न्याय मिले। गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई। उन्होंने हरिजन उत्थान के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दिया। वह खुद हरिजन बस्ती में रहने लगे थे। हरिजनों को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए उन्होंने काफी प्रयास किए। गांधी जी ने भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओं के प्रेम करना सिखाया। विदेशी वस्त्रों की होली जलवाई। नतीजतन स्वदेशी उद्योग धंधों का बढ़ावा मिला।
वैसे तो गांधी जयंती पर बापू को याद करने के लिए देश भर में कार्यक्रम होते हैं लेकिन प्रमुख कार्यक्रम दिल्ली के राजघाट पर होता है। राजघाट गांधी जी का समाधि स्थल है। गांधी जयंती पर देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य नेतागण राजघाट आकर बापू की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। प्रार्थना सभा में राम धुन व गांधी जी के प्रिय भजनों का गान होता है। श्रद्धा सुमन चढ़ाने और भजन गान का कार्यक्रम दिल्ली के बिड़ला हाउस में भी होता है जहां गांधी की हत्या की गई थी।
गांधी जी के लिए परोपकार से बढ़कर कोई सेवा नहीं थी और मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं था। आजीवन अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने वाले बापू ने संपूर्ण मानव जाति को न सिर्फ मानवता का पाठ पढ़ाया बल्कि जिंदगी जीने का सही तरीका भी सिखाया। साथियों आज गांधी के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लेने का दिन है। अब मैं अपने भाषण पर विराम लगाना चाहूंगा। आपने मुझे अपने विचार रखने का मौका दिया, इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
जय हिंद। जय भारत। भारत माता की जय।