Hindi Newsकरियर न्यूज़Gandhi Jayanti 2020 : these 10 steps can change your life see gandhiji mahatma gandhi images Photos Greetings

Gandhi Jayanti 2020 : बस ये 10 कदम चलकर खुद में गांधी को पा सकते हैं आप

Gandhi Jayanti 2020 : आजीवन अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने वाले बापू ने संपूर्ण मानव जाति को न सिर्फ मानवता का पाठ पढ़ाया बल्कि जिंदगी जीने का सही तरीका भी सिखाया। गांधी जी के लिए परोपकार से बढ़कर कोई...

Pankaj Vijay हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीFri, 2 Oct 2020 08:11 AM
share Share

Gandhi Jayanti 2020 : आजीवन अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने वाले बापू ने संपूर्ण मानव जाति को न सिर्फ मानवता का पाठ पढ़ाया बल्कि जिंदगी जीने का सही तरीका भी सिखाया। गांधी जी के लिए परोपकार से बढ़कर कोई सेवा नहीं थी और मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं था। एक बार गांधी जी से जब यह पूछा गया कि आप विश्व को क्या संदेश देना चाहते हैं, तो उनका कहना था, ‘मेरा जीवन ही मेरा संदेश है।’ पेश हैं गांधी जी के जीवन से जुड़ी वो 10 बड़ी बातें, जिनसे आप अपने जीवन में प्रेरणा ले सकते हैं।

सादा भोजन
गांधीजी शुद्ध और सात्विक भोजन को ही बेहतर मानते थे। वे शाकाहारी थे और खुद खाना बनाने में विश्वास करते थे। वे खासकर ऐसे आहार के विरोधी थे, जिससे व्यक्ति आवेशित हो जाए। यह आज के परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण सबक है, क्योंकि तामसिक आहार हमारे शरीर में क्रोध और हिंसा को पैदा करता है वहीं सात्विक आहार हमें शीतलता और शांति प्रदान करता है। सीधे शब्दों में कहें,  तो जितना सादा भोजन करेंगे उतना ही तन और मन से स्वस्थ रहेंगे।

आंदोलन से व्यायाम का संदेश
आज के दौर में लंबी दौड़ (मैराथन) में भाग लेना लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया है। लेकिन बापू ने एक उद्देश्य के लिए पैदल चलने को हमारी संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा बना दिया है। ब्रिटिश राज में नमक पर लगाए गए कर के विरोध में उन्होंने 12 मार्च 1930 को दांडी मार्च शुरू किया, जो 26 दिन बाद खत्म हुआ। यह न केवल विरोध का एक अनूठा रूप था, बल्कि नियमित लंबी सैर ने उनको स्वस्थ रखा और सहनशक्ति को भी बढ़ाया।

gandhi jayanti 2020   these 10 steps can change your life see gandhiji mahatma gandhi  images photos

प्रतिशोध से परहेज
गुस्सा, कड़वाहट और बदले की भावना किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व को नष्ट कर देती है। गांधीजी का कहना था कि जब भी आप किसी की बात से नाराज हों तो शांत मन से उसके द्वारा कही गई बातों को समझने की कोशिश करें। आपका मन अपने आप शांत हो जाएगा। उनका मानना था कि आंख के बदले में आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी।

वर्तमान में जिएं
गांधीजी ने इस बात पर जोर दिया कि हमें वर्तमान में जीना सीखना चाहिए और भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए। यदि हम बहुत ज्यादा भविष्य के बारे में सोचते हैं तो हम अभी जो कुछ है, उसे खराब कर लेंगे। बेशक, यह जरूरी है कि हम भविष्य के लिए योजना बनाएं, लेकिन उनके इस कथन को भी जहन में रखें- ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो। ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।

साफ-सफाई
बापू कम कपड़े जरूर पहनते थे, लेकिन वे उन्हें बहुत साफ रखते थे। उनके खाने के बर्तन भी खूब साफ रहते थे। आदर्श सफाई पर जोर देने वाले बापू कहते थे कि रसोईघर और टॉयलेट इतने साफ होने चाहिए कि वहां एक मक्खी भी न बैठ सके। वे खुद भी घर-बाहर की साफ-सफाई किया करते।

gandhi jayanti 2020   these 10 steps can change your life see gandhiji mahatma gandhi  images photos

खुद पर विश्वास
खुद पर विश्वास करें और इससे आप विश्व को हिला सकते हैं। महात्मा गांधी न तो बड़े वक्ता थे और न ही उनका शरीर देखने में बहुत सुंदर था। वे सादा जीवन जीते थे और हमेशा चकाचौंध में आने से बचते थे। इसके बावजूद उनकी गिनती विश्व के गिने-चुने महापुरुषों में होती है। इसका मुख्य कारण यह है कि वे खुद पर विश्वास करते थे। उनका मानना था कि देश को आजाद कराने की उन पर एक बड़ी जिम्मेदारी है और उन्होंने इसे अपने विश्वास के दम पर पूरा किया। खुद में विश्वास के कारण ही करोड़ों भारतीयों ने उन पर विश्वास किया।

ईमानदारी से कहें ना
अक्सर देखा जाता है कि लोग दूसरों को नाराज न करने के लिए ना कहने के बजाए हां कर देते हैं। वह अक्सर उन लोगों के साथ कई गतिविधियों में बिना अपनी दिलचस्पी के भी भाग लेते रहते हैं। लेकिन इस मामले को लेकर महात्मा गांधी का विचार औरों से बिल्कुल ही अलग था। इस पर बापू का कहना था- दूसरों को खुश करने के लिए कही गई हां आपको कहीं भी लेकर नहीं जाती। यह आदत आपको आक्रोश और कुंठा की ओर ले जाती है। 

ध्येय तय करें
गांधी जी का मानना था, खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद को दूसरों की सेवा में समर्पित कर दें।‘ उनके मुताबिक, नेता बनने का पहला कदम है अपने लक्ष्य को तय करना। एक बार जब लक्ष्य तय हो जाएगा, तब आपके अनुयायी और प्रशंसक भी बन जाएंगे।’महात्मा गांधी के लिए सबसे बड़ा ध्येय दूसरों की सेवा करना ही था। यही कारण है कि लाखों लोग उनके अनुयायी बने, जिन्होंने उन पर भरोसा किया और उनके कहे को माना।

दृढ़ता जरूरी
बापू को अपमानित किया गया। जेल भेजा गया। इसके बावजूद उन्होंने अपने सबसे बड़े हथियार दृढ़ता को नहीं छोड़ा। इतने अत्याचार सहने के बावजूद उन्होंने इसे त्यागा नहीं। अंग्रेजों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी। इतिहासकार आज भी चकित हैं कि कैसे एक धोती धारण किया हुआ व्यक्ति विश्व की सबसे शक्तिशाली सेना को हरा सकता है।

अहिंसा
जब हम कोई काम चाहते हैं और वह नहीं होता तो हम परेशान हो जाते हैं। ज्यादातर लोग गुस्से में अजीब व्यवहार करने लगते हैं। लेकिन गांधीजी ने अहिंसा का रास्ता अपनाया और हासिल कर लिया जो वह चाहते थे। भारतीयों को उन्होंने हिंसक बनने के लिए कभी नहीं उकसाया। कई बार परिस्थितियां हमारे मनमुताबिक नहीं होती। लेकिन उस वक्त भी हमें धैर्य नहीं खोना चाहिए। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें