विदेश से MBBS कर FMGE किया पास लेकिन नहीं मिल रहा इंटर्नशिप का मौका
Foreign medical graduates : रूस, यूक्रेन, अरमानिया जैसे कई देशों से एमबीबीएस की पढ़ाई करके आए छात्रों को अब भारत लौटकर डॉक्टर बनने में मुश्किलें आ रही हैं। यह हाल तब है जब वे एफएमजीई पास कर चुके हैं।
रूस, यूक्रेन, अरमानिया जैसे कई देशों से एमबीबीएस की पढ़ाई करके आए छात्रों को अब भारत लौटकर डॉक्टर बनने में मुश्किलें आ रही हैं। यह हाल तब है जब वे भारत सरकार द्वारा आयोजित विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (एफएमजीई) पास कर चुके हैं।
दिल्ली में विदेश से एमबीबीएस पढ़कर भारत लौटे लगभग ढाई हजार मेडिकल स्नातकों ने एफएमजीई परीक्षा पास कर दिल्ली के मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप के लिए आवेदन किया है। अब इन छात्रों को यहां इंटर्नशिप का मौका नहीं मिल पा रहा है। विदेश से एमबीबीएस करने और विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा पास करने के बावजूद ये बिना इंटर्नशिप किए खुद को डॉक्टर नहीं कह सकते और न ही इसकी प्रैक्टिस कर सकते हैं। कई मेडिकल कॉलेजों जैसे एम्स दिल्ली, आर्मी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस ने ऐसे छात्रों को सीट की कमी बताकर लेने से मना किया है।
इसके अलावा राम मनोहर लोहिया और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज ने भी इन्हें नहीं लेने की बात कही है। ऐसे में इंटर्नशिप के लिया वास्तविक संख्या 200 के आसपास है और आवेदन करने वाले छात्र ढाई हजार हैं। ऐसे में दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने एनएमसी से दोबारा कॉलेज और सीटों की संख्या भेजने के लिए कहा है।
दिल्ली में छात्रों के लिए 339 सीटें तय-
दिल्ली मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉक्टर गिरीश त्यागी ने बताया कि दिल्ली में इंटर्नशिप के लिए लगभग ढाई हजार छात्रों ने आवेदन किया है। आधिकारिक तौर पर नेशनल मेडिकल कमीशन ने कुल 339 सीटें दिल्ली में विदेश से एमबीबीएस पढ़कर आए छात्रों के लिए तय की हैं, लेकिन वास्तव में इन सीटों की संख्या लगभग 200 के आसपास ही है। उन्होंने बताया कि जिन 339 सीटों को दिल्ली के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप के लिए तय किया उनमें से कई कॉलेज विदेश से पढ़कर आए छात्रों को इंटर्नशिप कराने के लिए ले ही नहीं रहे हैं।
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