पिता चलाते हैं परचून की दुकान, बेटे ने किया बिहार बोर्ड इंटर में टॉप, मां बोली- 18 घंटे करता था पढ़ाई
परचून की दुकान चलाने वाले गरीब परिवार के होनहार बेटे रजनीश कुमार पाठक ने बिहार बोर्ड इंटर कॉमर्स में 475 अंक (95 फीसदी) प्राप्त कर पूरे बिहार में टॉप कर न केवल जिले का नाम रौशन किया बल्कि बिहार प्रदेश
परचून की दुकान चलाने वाले गरीब परिवार के होनहार बेटे रजनीश कुमार पाठक ने बिहार बोर्ड इंटर कॉमर्स में 475 अंक (95 फीसदी) प्राप्त कर पूरे बिहार में टॉप कर न केवल जिले का नाम रौशन किया बल्कि बिहार प्रदेश को गौरवान्वित करने का काम किया है। रजनीश कुमार पाठक ने बताया कि आईएस बन देश की सेवा करना चाहता हूं। 12वीं के बाद सीए करना चाहूंगा। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा गया में एक निजी स्कूल में हासिल की थी। इसके बाद 8-10 वीं तक विश्व भारती स्कूल मदनपुर से पढ़ाई की। सीबीएसई की परीक्षा में 92 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए थे।
सिन्हा कालेज औरंगाबाद में कॉमर्स में नामांकन कर पढ़ाई की। परीक्षा में 95 परसेंट मार्क्स प्राप्त हुए। रजनीश ने इसका मुख्य श्रेय अपने माता पिता और गुरुजनों को दिया है। रजनीश कुमार पाठक की मां अनिता देवी ने बताया कि रजनीश रंजन बचपन से पढ़ने लिखने तेज है। करीब 18 घंटा पढ़ता था। सीबीएसई की परीक्षा में 92 अंक लाया था और नाम रौशन किया था।
गरीबी और आर्थिक तंगी की हालत की वजह कहीं बाहर नहीं पढ़ने जा सका। पिता शशि रंजन पाठक ने बताया, 'मेरा पैतृक गांव गया जिले के आमस थाना के नौगढ़ है। मदनपुर में मुख्य बाजार ठाकुर रोड में एक किराए की मकान में पिछले 8-10 वर्षों से रह रहे हैं। यहीं एक परचून की दुकान चला कर बच्चों का पढ़ाई लिखाई कराते हैं। मेरे तीन बच्चे हैं। बड़ा लड़का रजनीश रंजन पाठक और दूसरा आयुष रंजन पाठक और तीसरा तन्मय रंजन पाठक है।
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