DU SOL : डीयू एसओएल में शुरू होंगे टेक्निकल व मैनेजमेंट कोर्स, UGC के नियमों से Phd कराने पर भी विचार
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में प्रस्तावित विभाग जल्द की कार्य करना शुरू कर देंगे। एसओएल प्रशासन इसके लिए जल्द तैयारी शुरू करेगा। इसके तहत कई नए कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव भी है। ये...
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में प्रस्तावित विभाग जल्द की कार्य करना शुरू कर देंगे। एसओएल प्रशासन इसके लिए जल्द तैयारी शुरू करेगा। इसके तहत कई नए कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव भी है। ये कोर्स तकनीकी, प्रबंधन से जुड़े होंगे। बहुत संभावना है कि यह विभाग जून से काम करना शुरू कर दें।
कैंपस ऑफ ओपन लर्निंग की अध्यक्ष और स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग गवर्निंग बॉडी की चेयरमैन प्रो.पायल मागो ने बताया कि पारंपरिक शिक्षा के अलावा छात्रों को प्रबंधन और तकनीकी शिक्षा देने की तैयारी है। हमें उम्मीद है कि विभाग का कार्यान्वयन जून माह से शुरू हो जाएगा। हम लोग स्नातक और परास्नातक पर मैनेजमेंट, गणित, सांख्यिकी और डेटा साइंस के कोर्स संचालित करने पर विचार कर रहे हैं।
पहले से था विभाग का बनाने का प्रस्ताव
एसओएल में विभाग के विस्तार और कार्यान्वयन का प्रस्ताव पहले से था, लेकिन यह हो नहीं पा रहा था। इस बारे में प्रो.पायल मागो का कहना है कि कुलपति प्रो. योगेश सिंह की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है। वह तकनीक के जानकार और दूरदर्शी हैं। उन्होंने दूरस्थ शिक्षा के महत्व को समझा और इस दिशा में प्रयास शुरू किया गया।
रेगुलर और दूरस्थ शिक्षा में एक ही कोर्स होता है संचालित
दिल्ली विश्वविद्यालय में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के माध्यम से पढ़ाई होती है। यहां दूरस्थ शिक्षा और रेगुलर में एक समान कोर्स की पढ़ाई होती है। इसलिए यह कोर्स संचालित करने में कोई विशेष परेशानी नहीं होगी।
चार हजार से अधिक 90 फीसदी से अधिक अंक पाने वाले छात्र
प्रो.पायल मागो बताती हैं कि आमतौर यह बताया जाता है कि एसओएल में ऐसे छात्र दाखिला लेते हैं, जिनका कहीं दाखिला नहीं होता है, लेकिन एसओएल का स्वरूप बदल रहा है। यहां प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ लाख छात्र दाखिला लेते हैं। इस साल चार हजार से अधिक ऐसे छात्रों ने दाखिला लिया है, जिनके अंक 90 फीसदी या उससे अधिक हैं।
एसओएल से कर सकेंगे पीएचडी
दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से एसओएल आने वाले समय में पीएचडी कराने पर भी विचार कर रहा है। विभाग के कार्यान्वयन के बाद इस दिशा में भी काम शुरू होगा। इसके लिए भी प्रक्रिया यूजीसी के नियमों के तहत होगी।
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