आंगनबाड़ी सेविका चयन में बदलाव के लिए प्रारूप तैयार : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जनता के दरबार कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं सुनते हुए आंगनवाड़ी सेविका चयन में बदलाव की तैयारियों की जानकारी दी। मामले में शिकायतें आने पर उन्होंने समाज कल्याण
आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के चयन का नियम बदलेगा। इसका प्रारूप तैयार कर लिया गया है। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सोमवार को आंनगबाड़ी सेविका-सहायिका के चयन से संबंधित शिकायतें आने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज कल्याण विभाग के सचिव को फोन कर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मेरे द्वारा निर्देश दिये जाने के बाद भी शिकायतें क्यों आ रही हैं। उन्होंने इस तरह के सारे मामले को देखने का निर्देश मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को दिया। मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को बताया कि चयन के नियम में बदलाव का प्रारूप तैयार है, कैबिनेट की स्वीकृति अब ली जानी है। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में 129 लोगों ने अपनी समस्याओं को रखा, जिसके तुरंत निष्पादन का निर्देश मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को दिया है। बक्सर जिला के गंगौली से आए एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से शिकायत की कि उनके यहां अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वीकृति होने के बावजूद अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है, जबकि इसके लिए जमीन उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मुजफ्फरपुर जिला के औराई से आए एक व्यक्ति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सड़क हादसे में उनके दोनों पुत्रों की मौत हो गई। इसको लेकर मिलने वाली मुआवजा राशि अब तक नहीं मिल पायी है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई का निर्देश दिया। रोहतास जिला के कोचस से आयी एक लड़की ने मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने की शिकायत की। वहीं औरंगाबाद जिला के रफीगंज से आए एक व्यक्ति ने आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन ठीक ढंग से नहीं होने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने दोनों मामलों में उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
विद्यार्थी का लोन माफ होना चाहिए
एक विद्यार्थी ने मुख्यमंत्री से कहा कि स्टूटेंड क्रेडिट कार्य योजना के तहत उनके कॉलेज को राशि दी गई। पर, उसकी तबीयत खराब रहने के कारण वह कॉलेज ही नहीं जा सका। अब उससे लोन की राशि वापस करने को कहा जा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन कर कहा कि बीमारी के कारण यह छात्र नहीं पढ़ सका। इसके लोन की माफी होनी चाहिए। इस मामले को देखने का निर्देश उन्होंने दिया। एक अन्य विद्यार्थी ने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत उन्हें तीन किश्ते मिलीं, पर चौथी रोक दी गई। मुख्यमंत्री से शिक्षा मंत्री को फोन कर इस मामले को देखने को कहा।
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