मांग : बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए जिलों में बने केंद्र
एसोसिएशन ऑफ एनसीटीई अप्रूव्ड टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजेज ट्रस्ट ने शुक्रवार को शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर कई मांगे रखी हैं। इससे पहले एसोसिएशन ने राजभवन को पत्र लिखकर इस साल नए सत्र में बीएड में दाखिले...
एसोसिएशन ऑफ एनसीटीई अप्रूव्ड टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजेज ट्रस्ट ने शुक्रवार को शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर कई मांगे रखी हैं। इससे पहले एसोसिएशन ने राजभवन को पत्र लिखकर इस साल नए सत्र में बीएड में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव करने की मांग भी की है। एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार बीएड प्रवेश परीक्षा में काफी विलंब हो चुका है।
अगर जुलाई महीने तक परीक्षा आयोजित नहीं हो पाती है तो इस बार बीएड कॉलजों में छात्रों के प्राप्तांक के आधार पर मेधा सूची के अनुसार दाखिला लेने की छूट दी जाए । अगर ऐसा संभव नहीं भी हो पाता है तो प्रवेश परीक्षा के लिए जिला मुख्यालयों में परीक्षा केंद्र बनाया जाए ताकि छात्रों को किसी तरह की समस्या नहीं हो।
इधर एसोसिएशन की ओर से नालंदा खुला विश्वविद्यालय पर बीएड की प्रवेश परीक्षा और काउंसलिंग में कुप्रबंधन का आरोप लगाया है । उनका कहना है कि राज्य के अधिकतर कॉलेजों में बीएड की सीटें आधी से अधिक खाली रह गई है जबकि आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या तीन गुनी थी। यह सबकुछ नोडल एजेंसी नालंदा खुला विवि की लापरवाही की वजह से हुआ है। छात्रों से प्रवेश परीक्षा शुल्क के रूप में लिए जाने वाले कुछ पैसे बीएड कॉलेजों को भी मिलने थे, जहां वे दाखिला ले रहे हैं। लेकिन नालंदा खुला विवि ने अब तक कॉलेजों को वे पैसे नहीं भेजे हैं। बीएड कॉलेजों में अधिकतर सीटों के खाली रहने से बीएड कॉलेज प्रबंधन पहले से ही समस्याओं से जूझ रहा है।
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