दिल्ली पुलिस कांस्टेबल भर्ती : परीक्षा केंद्र के कर्मियों से सेटिंग कर बड़ा खेल, मिले 39 क्लोन फिंगर प्रिंट व 38 आधार कार्ड
दिल्ली पुलिस में सिपाही भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में सॉल्वर गैंग सेंध लगाने की तैयारी में था। गैंग ने अपना जाल बिछा दिया था। लेकिन पोल खुल गई। सॉल्वर गैंग के छह सदस्य पकड़े गए हैं।
दिल्ली पुलिस में सिपाही भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में सॉल्वर गैंग सेंध लगाने की तैयारी में था। गैंग ने अपना जाल बिछा दिया था। फिंगर प्रिंट के क्लोन तैयार कर लिए थे। आगरा के एत्मादपुर स्थित देव कॉलेज में सेटिंग कर ली थी। एत्मादपुर पुलिस ने सर्विलांस की मदद से शुक्रवार को गैंग के मंसूबों पर पानी फेर दिया। सॉल्वर गैंग के छह सदस्य पकड़े गए हैं। परीक्षा में असली अभ्यर्थियों के बदले सॉल्वर बैठाने की योजना थी। डीसीपी पश्चिम सोनम कुमार ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के पास से 39 क्लोन फिंगर प्रिंट, बायोमेट्रिक मशीन, 38 आधार कार्ड, दो लैपटॉप, नौ मोबाइल सहित अन्य सामान बरामद किया।
डीसीपी पश्चिम ने बताया कि सूचना पर इंस्पेक्टर एत्मादपुर विजय विक्रम ने टीम के साथ कुबेरपुर इंटरचेंज के पास आरोपियों की घेराबंदी की थी। छह आरोपित मौके से पकड़े गए। दो भागने में सफल रहे। यह परीक्षा 14 नवंबर से तीन दिसंबर तक चलेगी।
इनकी हुई गिरफ्तारी आकाश (मक्खनपुर, फिरोजाबाद), सतेंद्र सिंह (गोपालपुरा, बाह), राजू उर्फ राजीव (स्टेशन रोड टूंडला) रामावतार, कीर्ती प्रधान (सुनारी सिकन्दरा) अजय यादव (नगला रामबक्स, एत्मादपुर) को पकड़ा गया है।
राजू और सतेंद्र सेंटर में प्रवेश कराते थे
पुलिस ने बताया कि राजू उर्फ राजवीर देव कॉलेज में इलेक्ट्रिशियन है। गैंग के सदस्य अजय यादव ने उसे सेट किया था। उसका काम गैंग द्वारा भेजे सॉल्वरों को परीक्षा केंद्र में एंट्री कराना था। इसके बदले उसे कमीशन मिला करता था। आरोपित सतेंद्र ऑलिव विजनेस सॉल्यूशन लिमिटेड का कर्मचारी है। इस कंपनी के पास सेंटर पर अभ्यर्थियों आधार कार्ड, प्रवेश पत्र और फिंगर प्रिंट चेक करने का काम है। गैंग के सदस्य कीर्ति प्रधान, जीतू, आकाश व उसका भाई रोहित अभ्यर्थियों की तलाश करते थे। कोचिंग सेंटर जाते थे। पता करते थे कि किसने फार्म भरा है।
बल्लभगढ़ में सिपाही भर्ती परीक्षा देते दो फर्जी अभ्यर्थी गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा देने वाले दो फर्जी अभ्यर्थियों को काबू कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। 23 नवंबर को एबीसीडी परीक्षा केंद्र पर ऑब्जर्वर द्वारा बायोमेट्रिक के दौरान आरोपियों को पकड़ा गया। पुलिस ने इस संबंध में दोनों युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सीतापुर यूपी निवासी अंकित श्रीवास्तव ने बताया कि वह पिछले दो साल से टीसीएस कंपनी में नौकरी कर रहा है। उनकी कंपनी की तरफ से 23 नवंबर को दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल की परीक्षा अजरौंदा चौक पर स्थित एबीसीडी परीक्षा केंद्र पर आयोजित किया गया। उनको एक्जीक्यूटिव के तौर पर नियुक्त किया गया। परीक्षा दो शिफ्ट में चल रही थी। अभ्यर्थी का बायोमेट्रिक करते वक्त पता चला कि उसकी बायोमेट्रिक पहले से हो रखी थी। उन अभ्यर्थियों का जब एडमिट कार्ड और आधार कार्ड को चेक किया। तो फर्जीवाड़ा का पता चला।
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