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दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 22 हजार से अधिक गेस्ट टीचरों की दोबारा होगी बहाली

दिल्ली के सरकारी, वित्त पोषित व अधिग्रहित स्कूलों में अप्रैल महीने तक सेवा दे रहे अतिथि शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। अतिथि शिक्षकों के संबंध में शिक्षा निदेशालय ने बुधवार को एक अहम फैसला लिया है।...

Pankaj Vijay हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीWed, 9 June 2021 03:36 PM
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दिल्ली के सरकारी, वित्त पोषित व अधिग्रहित स्कूलों में अप्रैल महीने तक सेवा दे रहे अतिथि शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। अतिथि शिक्षकों के संबंध में शिक्षा निदेशालय ने बुधवार को एक अहम फैसला लिया है। जिसके तहत 22 हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों की स्कूलों में दोबारा बहाली होगी।

20 अप्रैल को हुई थी सेवा समाप्त 
शिक्षा निदेशालय ने अप्रैल महीने में कोराेना के मामलों में बढ़ोतरी के साथ ही स्कूलों के लिए 19 अप्रेल को गर्मियों की छुट्टी की घोषणा की थी। जिसके तहत स्कूलों के लिए 20 अप्रैल से 9 जून तक गर्मियों की छुट्टियां घोषित की गई थी। इस आदेश को जारी करने के साथ ही शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों में पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों की सेवा भी समाप्त कर दी थी। तब से अतिथि शिक्षकों की दोबारा सेवा बहाली का इंतजार कर रहे थे, जिस पर बुधवार को अहम फैसला हुआ है। 

17 जून तक तैनाती लेनी होगी
शिक्षा निदेशालय ने बुधवार को अतिथि शिक्षकों की सेवा बहाली का आदेश जारी करने के साथ ही अतिथि शिक्षकों को निश्चित समय पर तैनाती लेने को कहा है। जिसके तहत अतिथि शिक्षकों को 10 जून से 17 जून के बीच संबंधित स्कूल प्रमुख को रिपोर्ट करते हुए तैनाती लेनी होगी। निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई अतिथि शिक्षक इस समयावधि तक तैनाती नहीं लेता है तो यह समझा जाएगा कि वह तैनाती लेने का इच्छुक नहीं है।  इसके साथ ही शिक्षा निदेशालय ने साफ किया है कि अतिथि शिक्षकों की दोबारा बहाली का आदेश उन अतिथि शिक्षकों पर नहीं होगा, जिनकी सेवा पूर्व में कमजोर प्रदर्शन, गलत व्यवहार, बिना स्कूल प्रमुख को बताए अनुपस्थित रहने के कारण समाप्त की गई है। 

वहीं अतिथि शिक्षकों की दोबारा बहाली के शिक्षा निदेशालय के आदेश का ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन ने स्वागत किया है। एसोसिएशन के पदाधिकारी शोएब राणा ने कहा कि ग्रीष्मावकाश के साथ ही बंदी लागू होने की वजह से अतिथि शिक्षकों के सामने आजिविका का संकट गहरा गया था। हालांकि निदेशालय के इस फैसले से बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षकों का जीवन पटरी पर लौट सकेगा।
 

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